फ़ोटोग्राफ़ी के स्रोत
'स्ट्रीट व्यू' फ़ोटो, दो स्रोतों Google और हमारे योगदान देने वालों से मिलती हैं.
हमारी सामग्री
Google के मालिकाना हक वाली सामग्री में “स्ट्रीट व्यू” या “Google मैप” को क्रेडिट दिया जाता है. हम अपनी तस्वीरों के संग्रह में चेहरे और लाइसेंस प्लेट अपने आप धुंधला कर देते हैं.
योगदान देने वाले दूसरे लोगों से मिली सामग्री
उपयोगकर्ता के योगदान वाली सामग्री में क्लिक/टैप करने योग्य खाते का नाम और कुछ मामलों में एक प्रोफ़ाइल फ़ोटो शामिल होती है.
Google आपको स्ट्रीट व्यू की सेवाएं कैसे देता है
पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाली हमारी इंजीनियरिंग टीम स्ट्रीट व्यू तस्वीरें शेयर करने के लिए कड़ी मेहनत में जुटी है. पेश है एक झलक कि हमारी टीम स्ट्रीट व्यू को आप तक पहुंचाने के लिए क्या करती है.
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चरण 1
तस्वीरों का संग्रह इकट्ठा करना
स्ट्रीट व्यू में कोई जगह दिखाने के लिए सबसे पहले हमें सचमुच वहां जाकर घूमना पड़ता है और फ़ोटो खींचनी होती हैं. यह तय करने के लिए कि सबसे अच्छी तस्वीरों का संग्रह कब और कहां लिया जा सकता है, हम बहुत-सी चीज़ों पर बारीकी से सोचते हैं, जिनमें मौसम का हाल और अलग-अलग इलाकों की आबादी शामिल है.
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दूसरा चरण
इमेज एक सीध में रखना
हर इमेज को मैप पर उसकी भौगोलिक जगह से मिलाने के लिए, हम GPS, गति और दिशा मापने वाली कार पर लगे सेंसर के सिग्नल मिलाते हैं. इससे हमें कार का सही रास्ता फिर से बनाने, ज़रूरत के हिसाब से इमेज झुकाने और उन्हें फिर से एक सीध में रखने में मदद मिलती है.
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चरण 3
फ़ोटो को '360º फ़ोटो' में बदलना
'360º फ़ोटो' में आने वाली खाली जगहों से बचने के लिए, आस-पास लगे कैमरे थोड़ा सा ओवरलैप करने वाली तस्वीरें खींचते हैं और उसके बाद हम इन फ़ोटो को आपस में 'स्टिच' कर 360 डिग्री की एक इमेज बनाते हैं. फिर हम 'जोड़ वाले हिस्सों' को कम करने और ट्रांज़िशन को आसान बनाने के लिए खास इमेज प्रोसेसिंग एल्गोरिद्म लागू करते हैं.
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चरण 4
आपको सही इमेज दिखाना
कार के तीन लेज़र को सतह से टकरा कर लौटने में लगने वाले समय से हमें पता चलता है कि कोई भवन या ऑब्जेक्ट कितना दूर है और इस तरह हमें 3D मॉडल बनाने में मदद मिलती है. जब आप दूर किसी इलाके में जाते हैं, तो यह 3D मॉडल आपको दिखाने के लिए उस जगह का सबसे अच्छा पैनोरामा तय करता है.
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चरण 1
तस्वीरों का संग्रह इकट्ठा करना
स्ट्रीट व्यू में कोई जगह दिखाने के लिए सबसे पहले हमें सचमुच वहां जाकर घूमना पड़ता है और फ़ोटो खींचनी होती हैं. यह तय करने के लिए कि सबसे अच्छी तस्वीरों का संग्रह कब और कहां लिया जा सकता है, हम बहुत-सी चीज़ों पर बारीकी से सोचते हैं, जिनमें मौसम का हाल और अलग-अलग इलाकों की आबादी शामिल है.
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दूसरा चरण
इमेज एक सीध में रखना
हर इमेज को मैप पर उसकी भौगोलिक जगह से मिलाने के लिए, हम GPS, गति और दिशा मापने वाली कार पर लगे सेंसर के सिग्नल मिलाते हैं. इससे हमें कार का सही रास्ता फिर से बनाने, ज़रूरत के हिसाब से इमेज झुकाने और उन्हें फिर से एक सीध में रखने में मदद मिलती है.
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चरण 3
फ़ोटो को '360º फ़ोटो' में बदलना
'360º फ़ोटो' में आने वाली खाली जगहों से बचने के लिए, आस-पास लगे कैमरे थोड़ा सा ओवरलैप करने वाली तस्वीरें खींचते हैं और उसके बाद हम इन फ़ोटो को आपस में 'स्टिच' कर 360 डिग्री की एक इमेज बनाते हैं. फिर हम 'जोड़ वाले हिस्सों' को कम करने और ट्रांज़िशन को आसान बनाने के लिए खास इमेज प्रोसेसिंग एल्गोरिद्म लागू करते हैं.
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चरण 4
आपको सही इमेज दिखाना
कार के तीन लेज़र को सतह से टकरा कर लौटने में लगने वाले समय से हमें पता चलता है कि कोई भवन या ऑब्जेक्ट कितना दूर है और इस तरह हमें 3D मॉडल बनाने में मदद मिलती है. जब आप दूर किसी इलाके में जाते हैं, तो यह 3D मॉडल आपको दिखाने के लिए उस जगह का सबसे अच्छा पैनोरामा तय करता है.
हम कहां जा रहे हैं
हम कई देशों में स्ट्रीट व्यू कार के ज़रिए ड्राइव करके आपके लिए तस्वीरें लाते हैं, जिनसे आपका अनुभव बेहतर होता है और आपको दुनिया-जहान की जानकारी मिलती है. उन देशों की सूची देखें, जहां हम ड्राइविंग या ट्रैकिंग करने वाले हैं.
इलाका | ज़िला | समय |
---|---|---|
{[value.region]} | {[value.districts]} | {[value.datestart| date:'MM/yyyy']} - {[value.dateend| date:'MM/yyyy']} |
हमारे काबू से बाहर की वजहों (जैसे मौसम या बंद सड़क वगैरह) की वजह से हो सकता है कि हमारी कारें काम नहीं कर रही हों या योजना में थोड़ा बदलाव हो जाए. कृपया इस बात का भी ध्यान रखें कि जब सूची में किसी खास शहर के बारे में बताया जाता है, तो उसमें वे छोटे शहर और कस्बे भी शामिल हो सकते हैं, जो वहां से कुछ ही दूरी पर हैं.
हम कहां जा चुके हैं
मैप पर नीले इलाके, स्ट्रीट व्यू की मौजूदगी दिखाते हैं. ज़्यादा जानकारी के लिए ज़ूम इन करें या हमारी वेबसाइट और ऐप्लिकेशन पर यह सामग्री ब्राउज़ करें.
Google का अपना स्ट्रीट व्यू फ़्लीट
हमारे स्ट्रीट व्यू फ़्लीट के ज़रिए ब्राउज़ करें.
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स्ट्रीट व्यू कार
2007 में अपने शुरुआती यू.एस. लॉन्च के बाद से हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं; आज हमने अपने '360º फ़ोटो' का विस्तार करके उनमें सभी सात महाद्वीपों की जगहों को शामिल कर लिया है.
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स्ट्रीट व्यू ट्रेकर
ट्रेकर की मदद से स्ट्रीट व्यू में दुनिया भर की और ज़्यादा जगहें दिखाई जा सकती हैं - ऐसी जगहें जहां कोई कार, ट्राइक, ट्रॉली या स्नोमोबाइल नहीं पहुंच पाते. इस पहनने लायक बैकपैक में ऊपर की ओर एक कैमरा सिस्टम लगा होता है और इसे इधर-उधर ले जाने की सुविधा की वजह से हम ऐसी तंग और संकरी जगहों तक पहुंचकर इमेज ले सकते हैं, जहां सिर्फ़ पैदल जाया जा सकता है. इस कैमरा तकनीक का इस्तेमाल करके हमने एरीज़ोना की ग्रैंड कैन्यन के ऊबड़-खाबड़ चट्टानी इलाकों का अपना पहला संग्रह तैयार किया था.
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स्ट्रीट व्यू ट्रॉली
जब कला-प्रेमी Googlers की एक टीम ने स्ट्रीट व्यू टेक्नोलॉजी को दुनिया भर के तमाम म्यूज़ियम तक पहुंचाने का इरादा किया तब हमें एक ऐसे सिस्टम को बनाने की ज़रूरत पड़ी जो म्यूज़ियम के दरवाज़ों से आराम से अंदर जा सके और मूर्तियों को चारों ओर से दिखा सके. इस टेक्नोलॉजी को बंद जगहों पर ले जाने की हमारी पहली कोशिश में इसके सभी ज़रूरी हिस्सों को एक छोटे ढांचे पर सेट किया गया है: यह दरअसल एक पहियों वाली गाड़ी है, जिसे धक्का देकर आगे बढ़ाया जाता है और इसी के ऊपर कैमरे का सिस्टम लगा होता है. देखने में यह एक ट्रॉली जैसी लगती है. इसने न सिर्फ़ कई म्यूज़ियम के अंदर की तस्वीरें ली हैं बल्कि व्हाइट हाउस और स्पोर्ट स्टेडियम जैसी दूसरी जगहों के भीतर के नज़ारे भी कैद किए हैं.
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स्ट्रीट व्यू स्नोमोबाइल
हमें लगा कि स्ट्रीट व्यू कैमरों को बर्फ़ीली ढलानों पर ले जाना और भी मज़ेदार होगा. कुछ 2x4s, डक्ट टेप और कई सारे हार्ड ड्राइव लेकर जमा देने वाली ठंड से बचने के लिए स्की जैकेट पहनी हुई हमारी टीम ने कुछ ही हफ़्तों में स्ट्रीट व्यू के उपकरणों को एक स्नोमोबाइल पर लगाने में कामयाबी पाई. अब स्कीयर, स्नोबोर्डर और स्नोशूअर व्हिसलर ब्लैककोम्ब पहाड़ी और उसके आस-पास के बर्फ़ से ढके पहाड़ी इलाकों में घूम-फिर सकते हैं, जहां कई रिज़ॉर्ट भी हैं.
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स्ट्रीट व्यू थ्री-व्हीलर
छोटी गलियों वाले शहरों के लिए हमें एक ऐसी मजबूत सवारी ढूंढनी पड़ी, जिस पर स्ट्रीट व्यू ट्रेकर टिक सके. कुछ संकरी गलियों तक पहुंचने के लिए, हमारी टीम को इंडोनेशिया की सेलिस रॉबिन मोटरसाइकिल अच्छी लगी. यह देखिए स्ट्रीट व्यू का थ्री-व्हीलर. इस सवारी के लिए खास तौर से एक और मास्ट (मस्तूल) बनाया गया है, ताकि इस पर स्ट्रीट व्यू ट्रेकर ज़्यादा मजबूती से टिक सके.