केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से अलग न्यूनतम वेतन बढ़ा सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने भी केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने के संकेत दिए हैं। इससे थोड़ा साफ हो रहा है कि सरकार इनके वेतन में और बढ़ोतरी कर सकती है। नेशनल अनोमली कमेटी ने अभी न्यूनतम सैलरी को लेकर अपनी रिपोर्ट सबमिट नहीं की है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर अक्टूबर में एनएसी की मीटिंग होनी थी, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख घोषित करने के कारण मीटिंग को टाल दिया गया। अब उम्मीद की जा रही है कि एनएसी 15 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी। इसके बाद रिपोर्ट की कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति और व्यय विभाग द्वारा जांच की जाएगी।

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि एनएसी मिनिमम सैलरी को 18,000 रुपए से 21,000 रुपए करने का सुझाव देगी। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 से बढ़ाकर 3.00 करने का सुझाव देगी। सातवें वेतन आयोग ने मिनिमम सैलरी को बढ़ाकर 18,000 रुपए करने की सिफारिश की थी। इस बढ़ोतरी को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई थी। आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के दिव्यांग बच्चों को 30,000  रुपए का पढ़ाई भत्ता मिलता था। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे अब बढ़ाकर 54,000 रुपए सालाना कर दिया गया है। अगर दिव्यांग बच्चे के माता और पिता दोनों केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो कोई एक ही बच्चे के लिए भत्ता ले सकता है।

गौरतलब है कि कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 26,000 रुपए महीने किया जाए और फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना बढ़ाने के बजाए 3.68 गुना बढ़ाया जाए।