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मोदी के नहीं है बच्चे, उन्हें पता नहीं कि दुनिया का प्रत्येक पिता अपने बच्चों की सफलता के लिए प्रयास करता है: गहलोत

5 वर्ष पहले
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  • मुख्य न्यायाधीश पर आरोप के कारण देश की पूरी न्यायपालिका दबाव में है
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जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बच्चे है नहीं इस कारण वे ऐसी बात कह रहे है कि मैं अपने बेटे के लिए गली-गली वोट मांगता घूम रहा हूं। दुनिया का प्रत्येक पिता अपने बच्चों की सफलता के लिए अपनी तरफ से भरसक प्रयास करता है। ऐसे में यदि मैं भी ऐसा कर रहा हूं तो इसमें नया क्या है।

 

इसके अलावा गहलोत ने कहा कि मोदी को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की बिलकुल भी परवाह नहीं है। देश के मुख्य न्यायाधीश पर गंभीर आरोप लगने के बाद देश की पूरी न्यायपालिका दबाव में है, लेकिन प्रधानमंत्री को इस तरफ ध्यान देने की फुर्सत ही नहीं है। वे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा के बजाय बेमतलब के मुद्दे उछाल रहे है। ताकि खुद की नाकामियों को छिपाया जा सके। 


प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जोधपुर की चुनावी सभा में गहलोत पर बेटे के लिए वोट मांगने को गली-गली घूमने का आरोप लगाया था। जोधपुर में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश की सभी पच्चीस सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की चिंता हम नहीं करेंगे तो क्या मोदी करेंगे। प्रदेश में बरसों पश्चात पूरी एकजुटता के साथ पार्टी के सभी प्रत्याशियों के समर्थन में अभियान चलाया जा रहा है।

 

गहलोत ने कहा कि मेरी दिल्ली यात्राओं का ब्योरा रख मोदी मेरी जासूसी करवा रहे है। प्रदेश में किसान कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं होने के मोदी के आरोप पर गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार बने अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन हमने सीसीबी बैंकों के माध्यम से किसानों के दो लाख रुपए तक के ऋण माफ कर दिए है। अब राष्ट्रीयकृत बैंकों के असहयोग के कारण शेष किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन बैंकों पर मोदी का नियंत्रण है। पाकिस्तान के गुणगान करने के मोदी के आरोप पर गहलोत ने कहा कि यह गंभीर आरोप है। यदि वास्तव में कोई राज्य सरकार ऐसा कर रही है तो उसे केन्द्र सरकार हटा सकती है। वे सिर्फ लोगों को भ्रमित करने के लिए ऐसा बोल रहे है। ऐसा कह प्रधानमंत्री प्रदेश के सात करोड़ लोगों का अपमान कर रहे है। जिन्होंने हमारी सरकार को बहुमत प्रदान कर सत्ता सौंपी। 

 

दबाव में है न्यायपालिका
गहलोत ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश पर गंभीर आरोप लगने के बाद न केवल सुप्रीम कोर्ट बल्कि हाईकोर्ट के न्यायधीशों में भय का माहौल है। दबाव के कारण न्यायपालिका डिस्टर्ब हो गई है। लोकतंत्र का एक स्तम्भ है न्यायपालिका। प्रधानमंत्री यदि समय रहते ध्यान देते तो ऐसे हालात नहीं बनते। प्रधानमंत्री ऐसे गंभीर विषय पर एक बार भी नहीं बोल रहे है। 


खुद ही सवाल कर खुद ही जवाब दे रहे है मोदी
गहलोत ने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मोदी राष्ट्रवाद का नाम ले रहे है। देश के ज्वलंत मुद्दों पर एक बार भी नहीं बोल रहे है। मोदी खुद ही सवाल करते है और खुद ही जवाब दे रहे है। ऐसा कर वे देश को गुमराह कर रहे है। मोदी अभी तक किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री की शैली में व्यवहार कर रहे है, जबकि वे पांच साल से देश के प्रधानमंत्री है। ऐसे में उन्हें व्यक्तिगत छींटाकसी से बचना चाहिये। सिर्फ अच्छा वक्ता होने से ही काम नहीं चलता है। तथ्यपरक चीजें लोगों के सामने रखनी पड़ती है। मोदी को जुमलेबाजी बंद कर मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिये। मोदी का चुनाव प्रचार पाकिस्तान के ईर्दगिर्द ही केन्द्रित हो गया है। वे देश में बढ़ती बेरोजगारी और किसानों से जुड़ी समस्याओं पर बोलने से कतरा रहे है। मोदी देश के लोकतंत्र को कमजोर करने में लगे है। 


प्रधानमंत्री में अनुभव की कमी
गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी में राजनीतिक अनुभव की बहुत कमी है। उन्हें राजनीति करते हुए महज बीस साल हुए है। जबकि चालीस साल से अधिक समय से मैं राजनीति में सक्रिय हूं। गहलोत ने तंज कसा कि मोदी को देश हित में विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं से सलाह लेनी चाहिये।   
 

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