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रेलवे फाटक पर नहीं देखा होगा ऐसा सिस्टम, देखिए 13 जगह से किस तरह रस्सियां लगाकर गुजारी जाती है ट्रेन

6 वर्ष पहले
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रस्सी लेकर फाटक पर बांधने के लिए उतरा कर्मचारी और पीछे ट्रैक पर दिखाई दे रही ट्रेन।
  • नवांशहर जिले के नवांशहर-जेजों रेलवे ट्रैक का वीडियो दे रहा है जान-माल की रक्षा की बेहद सराहनीय सीख
  • रस्सियां बांधकर ट्रेन को गुजारा जाता है ट्रैक से, तब फिर ट्रेन में सबसे आगे और सबसे पीछे चढ़ते हैं सुरक्षाकर्मी
  • रोज 26 बार ट्रेन रुकती है और रोज हो जाती है डेढ़ से दो घंटा लेट
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नवांशहर (अमित शर्मा). पांच दिन पहले अमृतसर में दशहरे की खुशियों को मातम में बदल देने वाला रेलवे ट्रैक हादसे के बाद वायरल हुए वीडियो ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। यह वीडियो पंजाब के नवांशहर जिले का है। आप देख सकते हैं कि क्रासिंग पर रस्सी बांधकर डीएमयू ट्रेन को गुजारा जाता है। रूट पर पड़ने वाली 13 क्रासिंग पर यही जद्दोजहद की जाती है। इसके लिए डीएमयू रोज 26 बार रुकती है और अपने निर्धारित समय से डेढ़ से दो घंटा लेट हो जाती है।

 

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1) ये है वो सराहनीय सिस्टम

नवांशहर से जेजों रूट पर जब डीएमयू गाड़ी चलाई जाती है तो ट्रेन के साथ ही दो कर्मचारी भी चलते हैं। एक कर्मचारी इंजन वाले केबिन में तो दूसरा ट्रेन के अंतिम डिब्बे में बैठता है। दोनों के पास 26 रस्सियां होती हैं।

जैसे ही डीएमयू एक फाटक यानी क्रासिंग पर रुकती है तो इंजन के केबिन में बैठा कर्मचारी उतरकर रस्सियाें से ट्रैफिक रोकता है, ट्रेन फाटक से गुजर जाती है तो गाड़ी के आखिरी डिब्बे में बैठा कर्मचारी फिर रस्सियों को खोलता है और ट्रेन में सवार हो जाता है।

इस तरह नवांशहर से जेजों तक 13 फाटकों पर यह प्रक्रिया की जाती है। दिन में 26 बार ट्रेन रुकती है, जिसके कारण लिए अपने अंतिम स्टेशन पर हर रोज डेढ़ से 2 घंटा लेट हो जाती है।

इन 13 फाटकों पर तैनात कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट 8 अक्टूबर को खत्म हो गया था, लेकिन बावजूद इसके यह सिलसिला अभी तक जारी है।

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