सीतापुर। अब सीतापुर-बुढ़वल रेल खंड पर एक साथ दो विद्युत ट्रेनें अपनी-अपनी पटरी पर दौड़ेंगी। मुसाफिरों को ट्रेनों के क्रॉस के लिए घंटो इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यात्री नॉन स्टॉप सफर कर पाएंगे। ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और मुसाफिर कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। इसके लिए 100 किलोमीटर के इस रेल खंड पर दोहरीकरण रेल विद्युतीकरण का काम शुरू कर दिया गया है। इस 50 करोड़ के प्रोजेक्ट को 2021 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
यह दोहरीकरण रेल विद्युतीकरण परियोजना का कार्य बुढवल से परसेंडी और परसेंडी से सीतापुर तक दो चरणों में होना है। लगभग 50 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना का शुभारंभ सोमवार को परसेंडी स्टेशन पर उप मुख्य विद्युत इंजीनियर निर्माण (विद्युत) ओपी सिंह ने विधिवत पूजन से किया। लगभग 100 किमी. के इस रेल खंड पर पहले फाउंडेशन बनाए जाएंगे। इसके बाद खंभे लगाकर उन पर विद्युत लाइन बिछाई जाएगी। यह काम निर्माण विभाग कर रहा है। उम्मीद है कि 2021 तक कार्य पूरा हो जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द ही इस रूट की अलग-अलग पटरी पर एक साथ दो विद्युत ट्रेनें निर्बाध रूप से दौड़ती नजर आएंगी। दोहरीकरण रेल विद्युती करण के बाद इस रूट पर ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा। नॉन स्टॉप सफर से ट्रेनों के मंजिल तक पंहुचने में समय की बचत होगी।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर निर्माण विद्युत मनीष मिश्रा ने बताया कि सीतापुर से बुढ़वल रेल खंड पर डबल इलेक्ट्रिक लाइन का काम शुरू कर दिया गया है। यह परियोजना 2021 तक पूरी करने का लक्ष्य है।