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झांसी- कानपुर ट्रैक पर कोहरे ने थामी ट्रेनों की रफ्तार

झांसी ब्यूरो
Updated Sat, 12 Dec 2020 01:20 AM IST
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झांसी। रेल मंडल में कोहरे की शुरूआत हो गई है। बृहस्पतिवार की रात झांसी- कानपुर व बांदा- मानिकपुर सेक्शन के बीच कोहरा छाया रहा। इसका असर सुबह नौ बजे तक रहा। उक्त सेक्शनों में ट्रेन चलाने के लिए चालकों को फॉग सेव डिवाइस का सहारा लेकर एक निश्चित गति से गाड़ी को चलाना पड़ा। Trending Videos
रेल प्रशासन के लिए कोहरे में (पंद्रह दिसंबर से इकतीस जनवरी तक) ट्रेनों का संचालन चुनौती बन जाता है। इसका असर दिखना शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार की रात दो बजे से मंडल के झांसी- कानपुर ट्रैक पर भीमसेन, लालपुर, पामा, मलासा के बीच कई घंटों तक कोहरा रहा। इसी तरह बांदा- मानिकपुर के बीच कोहरा छाया रहा। इसकाअसर सुबह नौ बजे तक रहा। उक्त सेक्शनों में ट्रेन चलाने के लिए चालकों को फॉग सेव डिवाइस का सहारा लेकर एक निश्चित गति से गाड़ी को चलाना पड़ा। साथ ही पेट्रोलमैन रेल फ्रैक्चर न हो, इसकी निगरानी करते रहे।
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रेलवे बोर्ड ने साफ निर्देश दिए हैं कि ड्राइवर कोहरे में दस घंटे से अधिक ट्रेन नहीं चलाएंगे। पंद्रह दिसंबर के पहले रनिंग स्टाफ के मेडिकल ड्यूज व अन्य प्रशिक्षण भी पूरे कराने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना काल में रेल मंडल में रोजाना सत्तर सवारी व नब्बे के लगभग मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है।
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कोहरे में अधिकांश ट्रेन दुर्घटनाएं रनिंग स्टाफ से अधिक काम लेने से होती हैं। रेल मंडल में कोहरे की सबसे अधिक मार झांसी-दिल्ली सेक्शन में पड़ती है। आम दिनों में रनिंग स्टाफ को झांसी से नई दिल्ली सवारी गाड़ी ले जाने में छह से आठ घंटे का समय लगता है। जबकि, कोहरे में यही दूरी तय करने में पंद्रह से अठारह घंटे लग जाते हैं। दस घंटे बाद चालक दल को एक-एक मिनट गुजारना भारी पड़ता है। ऐसे में वह सेक्शन खाली देख ट्रेन को दौड़ाना शुरू कर देते हैं। यही गलती अक्सर रेल दुर्घटना का कारण बन जाती है।
चालक व गार्डों को यह दिए गए निर्देश
लोको पायलट ऑटोमेटिक सिग्नल को लाल होने की दशा में दिन में एक मिनट तथा रात में एवं कोहरे में दो मिनट रुकने के बाद अधिकतम 10 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से अगले सिग्नल तक गाड़ी ले जाएंगे। गार्ड को ध्यान रखना होगा कि लोको पायलट निर्धारित गति से अधिक न चलें। इसके साथ ही निर्धारित से अधिक गति पकड़ने या अन्य स्थितियों में लोको पायलट का ध्यान आकर्षित करने के लिए यथा शक्ति प्रयास करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर गार्ड धीरे-धीरे ब्रेक लगाएंगे। जब गाड़ी किसी ऑटोमेटिक सिग्नल के लाल होने पर नियमानुसार रुकेगी, तब गार्ड पीछे की ओर लाल सिग्नल दिखाएंगे।
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