जमीन ही नहीं हवा और पानी में भी दिखेंगे कुम्भ के रंग

कुम्भ से पहले इलाहाबाद को साहित्यिक, धार्मिक और ऐतिहासिक रंग में रंगने की तैयारी है। विश्व के इस सबसे बड़े आयोजन से पहले जमीन ही नहीं बल्कि, हवा और पानी में भी धर्म, संस्कृति और साहित्य के रंग नजर आएंगे।

संजय पांडे | नवभारत टाइम्स | 8 Jun 2018, 9:38 am
इलाहाबाद
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कुम्भ से पहले इलाहाबाद को साहित्यिक, धार्मिक और ऐतिहासिक रंग में रंगने की तैयारी है। विश्व के इस सबसे बड़े आयोजन से पहले जमीन ही नहीं बल्कि, हवा और पानी में भी धर्म, संस्कृति और साहित्य के रंग नजर आएंगे। ‘पेंट माय सिटी’ नाम की योजना इसे मूर्त रूप देगी। इसके तहत कुम्भ से जुड़े कथानकों के साथ ही शहर की पहचान रह चुकी हस्तियों और उनकी कृतियों को भी भित्ति चित्रों के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

इसके तहत शहर के सभी प्रवेश द्वारों से लेकर चौराहों और सभी महत्वपूर्ण स्थलों की दीवारों पर पेंटिंग्स बनाई जाएंगी। यही नहीं, नावों और शहर व मेला क्षेत्र में गुब्बारों पर इन पेंटिंग्स को देखा जा सकेगा। जुलाई में पेंटिंग्स बनाने का काम शुरू होगा और अक्टूबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।

दीवारों पर च‍ित्रकारी

इलाहाबाद को कुम्भ से पहले देश और दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बनाकर उसे सजाने की तैयारी की जा रही है। हैदराबाद और जयपुर की तरह इलाहाबाद में प्रवेश के सभी प्रमुख मार्गों और शहर के अंदर स्थित दर्शनीय स्थलों के साथ रेलवे स्टेशन और पहली बार में नजर आने वाली दीवारों पर इलाहाबाद के धार्मिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक गौरव को चित्रों में उकेर कर पर्यटकों को लुभाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को दी जाएगी। योजना के पहले चरण के लिए तीन करोड़ का बजट भी स्वीकृत हो चुका है।

ताजा होंगी इनसे जुड़ी यादें
पेंट माय सिटी की मुख्य थीम देवासुर संग्राम होगा। हालांकि इसके साथ ही कुम्भ और इलाहाबाद से जुड़े धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक कथानक और लोग भी इसमें शामिल होंगे। कुम्भ का दिल कहे जाने वाले साधु-संन्यासी और कल्पवासी भी पेंटिंग्स का हिस्सा होंगे। इसके साथ ही देश-प्रदेश और जिले के ऐसी हस्तियों को भी इनमें स्थान मिलेगा जो ‘आइकन’ के रूप में जाने जाते हैं। जिन हस्तियों के चित्र और कृतियों को दीवारों पर स्थान दिए जाने की योजना है इनमें हर्षवर्धन, हरिवंशराय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, फिराक गोरखपुरी, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, चंद्रशेखर आजाद, मदन मोहन मालवीय, शहीद लाल पद्मधर भी शामिल हैं।

प्रफेशनल्स की ली जाएगी मदद
कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि, पेंटिंग्स के लिए प्रफेशनल चित्रकारों की मदद ली जाएगी। कई प्राइवेट कंपनियों से बात चल रही है। प्री-बिड कॉन्फ्रेंस के बाद बिडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। इस योजना में न केवल पेंटिग बल्कि म्यूरल को भी डिजाइन का आधार बनाया जाएगा। पेंटिंग्स और म्यूरल शहर के अलावा रेलवे के स्ट्रक्चर्स (पुल व स्टेशन) पर भी बनाए जाएंगे इसके लिए रेलवे ने अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही नावों और गुब्बारों पर भी इन पेंटिंग्स को बनाया जाएगा, जिससे कुम्भ सिटी में आने वाले श्रद्धालुओं को खुद के यहां होने की अनुभूति हो सके।
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