प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी आज मुंबई तट पर अरब सागर में एक द्वीप पर छत्रपति शिवाजी स्मारक की आधारशिला रखेंगे। इस छत्रपति शिवाजी मेमोरियल को लेकर मछुआरों ने आपत्ति जताई है। मछुआरों का कहना है कि इस शिवस्मारक के निर्माण से मछुआरे मछली पकड़ने पानी में नहीं जा सकेंगे। वहीं पर्यावरणविद का कहना है कि इस निर्माण से मुम्बई की गिरगाव चौपाटी ख़त्म हो सकती है। साथ ही, इससे समुद्री पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा होगा। पढ़िए क्या है इस स्मारक की खासियत ...
1) अरब सागर में बनने वाले 192 मीटर लंबे इस स्मारक की लागत क़रीब 3,600 करोड़ रुपये आंकी गई है।
2) घोड़े पर बैठे हुए छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले की उंचाई 114.4 मीटर है।
3) शिवाजी की घोड़े पर सवार 309 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
4) यह समुद्र में 13 हेक्टेयर की एक विशाल चट्टान पर बनेगा। हाई टाइड के समय भी यह चट्टान पानी से 2-3 मीटर ऊपर रहती है।
5) इस स्मारक पर शिवाजी के इतिहास के ऑडियो-विजुअल कई भाषाओं में पर्यटकों को दिखाए जाएंगे।
6) इस स्मारक पर एक एम्पीथिएटर, मंदिर, फुड कोर्ट, लाइब्रेरी, ऑडियो गायडेड टूर, थ्री डी-फोर डी फिल्म, एक्वारियम जैसी सुविधाएं होंगी।
7) इस स्मारक में एक समय में 10 हजार लोग एक साथ विजिट कर सकते है।
8) राजभवन के किनारे से 1.5 किलोमीटर दूर यह स्मारक चट्टानों पर बनाया जाएगा।
9) गिरगांव चौपाटी से स्पीड बोट से 10 मिनट और सादा इंजन बोट से 20 मिनट में वहां पहुंचा जा सकता है।
10) मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में कहा कि ‘शिवाजी स्मारक’ देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सबसे लंबा स्मारक होगा। एक अनुमान के मुताबिक इस परियोजना से करीब 3500 मछुआरे प्रभावित होंगे।
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