कंगाली के कगार पर खड़े पाक को बड़ा झटका, अमेरिका ने 31.30 अरब रुपये की मदद रोकी

आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्‍तान को झटके पर झटके मिल रहे हैं। ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका ने भी पाकिस्‍तान को दी जा रही आर्थिक मदद में 31.30 अरब रुपये की कटौती की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 08:39 AM (IST) Updated:Sun, 18 Aug 2019 08:05 AM (IST)
कंगाली के कगार पर खड़े पाक को बड़ा झटका, अमेरिका ने 31.30 अरब रुपये की मदद रोकी
कंगाली के कगार पर खड़े पाक को बड़ा झटका, अमेरिका ने 31.30 अरब रुपये की मदद रोकी

वॉशिंगटन, एएनआइ। US cuts financial aid to Pakistan कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान को एक और करारा झटका लगा है। अमेरिका ने उसको दी जाने वाली आर्थिक सहायता में करीब 44 करोड़ डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 31.30 अरब रुपये) की कटौती कर दी है। अब अमेरिका से उसे कुल 4.1 अरब डॉलर (करीब 2.92 खरब रुपये) की ही मदद मिल रही है। सनद रहे अभी पिछले महीने ही ब्रेक्जिट के चलते आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे ब्रिटेन की संसद ने भी पाकिस्तान को दी जाने वाली सालाना सहायता में कटौती करने की संस्तुति की थी।

‘द एक्सप्रेस टिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आर्थिक मदद पाकिस्तान इनहेंस पार्टनरशिप एग्रीमेंट (पीपा) 2010 के तहत दी जाती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आर्थिक सहायता में इस कटौती की बाबत पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को वाशिंगटन की यात्र के तीन हफ्ते पहले ही आगाह कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, पीईपीए को सितंबर 2010 में केरी लुगर बर्मन (केएलबी) एक्ट को जारी रखने के लिए हस्ताक्षरित किया गया था। यह एक्ट अमेरिकी कांग्रेस ने अक्टूबर 2009 में पारित किया था और इसके तहत पांच साल में पाकिस्तान को 7.5 अरब डॉलर की आर्थिक मदद की जानी थी। 

केएलबी एक्ट के तहत अभी 4.5 अरब डॉलर की राशि दी जानी थी। हालांकि, अब इस कटौती के बाद यह आर्थिक मदद 4.1 अरब डॉलर पर सिमट गई है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में 30 करोड़ डॉलर (करीब 2100 करोड़ रुपये) की कटौती की थी। यह कटौती आतंकवाद को खत्म करने में पाकिस्तान के नाकाम रहने का हवाला देते हुए की गई थी। 

अमेरिका को शिकायत है कि पाकिस्तान अफगान तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, अलकायदा समेत आतंकी संगठनों की शरणगाह बना हुआ है। यही नहीं पिछले साल जनवरी में पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली एक अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक मदद में कटौती कर ली थी। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क को नेतस्नाबूंद करने में नाकाम रहने की वजह से यह कदम उठाया था।

पिछले महीने हुई बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लचर रवैया अपनाने को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की जमकर खिंचाई की थी। तब ट्रंप ने कहा था, ‘हम सालों से पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। परेशानी की बात यह है कि पाकिस्तान हमारे लिए कुछ भी नहीं कर रहा। पाकिस्तान वास्तव में विनाशकारक रहा है। वह हमारे ही खिलाफ जा रहे हैं। इसीलिए इस रिवायत को हमने डेढ़ साल पहले ही खत्म कर दिया।’ उल्लेखनीय है कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से अमेरिकी सरकार लगातार पाकिस्तान की सहायता राशि में कटौती करती जा रही है। 

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