रेल विकास निगम - लखनऊ वाया प्रतापगढ़ रेलखंड पर अब दौड़ सकेंगे इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन
लखनऊ से वाराणसी वाया जंघई-भदोही-प्रतापगढ़ रूट पर मई से इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ाने का रास्ता साफ हो गया है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने रिकार्ड 25 माह के समय में उतरेटिया स
वाराणसी, जेएनएन। लखनऊ से वाराणसी वाया जंघई-भदोही-प्रतापगढ़ रूट पर मई से इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ाने का रास्ता साफ हो गया है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने रिकार्ड 25 माह के समय में उतरेटिया से जंघई के बीच विद्युतीकरण कार्य 240 करोड़ की लागत से पूरा कर लिया है। यह काम दो चरणों में पूरा किया गया। इसमें पहले गौरीगंज से जंघई तक 100 किलोमीटर के हिस्से का सीआरएस निरीक्षण किया गया था। दूसरे चरण में बछरांवा से पहले श्रीराजनगर स्टेशन तक 85 किमी के हिस्से में कार्य पूरा कर लिया गया है। इसी तरह इस रेल खंड पर मूलभूत ढंाचे का विकास करते हुए दोहरीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है। दोहरीकरण उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का निर्माण विभाग पूरा करेगा। दोहरीकरण के बाद प्रतापगढ़-जंघई होते आने वाली ट्रेनों के पहिए आउटर पर नहीं थमेंगे और इस रूट पर गाडिय़ों को रफ्तार मिलेगी। अभी यह रूट सिंगल लाइन होने के चलते ट्रेनें रफ्तार नहीं पकड़ पाती हैं।
लोहता-भदोही तक दोहरीकरण पूरा
वाराणसी से प्रतापगढ़ होते लखनऊ जाने पर रास्ते में पडऩे वाले लोहता स्टेशन से भदोही के 39 किलोमीटर के रेलखंड पर दोहरीकरण 167 करोड़ की लागत से पूरा कर लिया गया है। इस कार्य में भदोही से परसीपुर, सेवापुरी के बीच बैलास्ट डालने का कार्य भी हाल ही में पूरा किया गया है।
भदोही-जंघई रूट पर दोहरीकरण पूर्ण
इस क्रम में भदोही से जंघई के 31 किमी हिस्से में दोहरीकरण काफी पहले पूरा कर लिया गया था। इस रेल खंड पर सुरियांवा स्टेशन से जंघई के बीच गिट्टियां डालने का काम हाल में पूरा कर लिया गया है।
जंघई-प्रतापगढ़ रेलखंड के दोहरीकरण की निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह दिसंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।
-सतीश कुमार मंडल रेल प्रबंधक, उत्तर रेलवे।