कंपनियां बुला रही हैं , ट्रेनें रोक रहींं रास्‍ता- अक्टूबर तक फुल हैं गोरखपुर से चलने वाली स्पेशल ट्रेनें Gorakhpur News

गोरखपुर से बनकर अन्‍य शहरों को चलने वाली लगभग सभी प्रमुख स्‍पेशल ट्रेनें अक्‍टूबर तक फुल हो गई हैं। इससे नौकरी पर जाने वाले कामगार परेशान हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 06:50 PM (IST)
कंपनियां बुला रही हैं , ट्रेनें रोक रहींं रास्‍ता- अक्टूबर तक फुल हैं गोरखपुर से चलने वाली स्पेशल ट्रेनें Gorakhpur News
कंपनियां बुला रही हैं , ट्रेनें रोक रहींं रास्‍ता- अक्टूबर तक फुल हैं गोरखपुर से चलने वाली स्पेशल ट्रेनें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल के युवाओं का लॉकडाउन में मालिक ने साथ छोड़ा तो सड़क पर आ गए। कोई पैदल तो कोई बस से। कुछ साइकिल से तो कुछ ट्रेन से धक्के खाते घर पहुंचे। जो कमाकर लाए थे वह खर्च हो गए। रोजगार के अभाव में फिर सड़क पर आ गए हैं। अब वे वापस जाने के लिए मचल रहे हैं। वहीं मुंबई, पुणे, सूरत, बडोदरा, नागपुर, बेंगलुरु और अहमदाबाद स्थित कंपनियों के मालिक उन्हें बुलाने के लिए बेचैन हैं। कंपनियों के ताले नहीं खुल पा रहे। बीच में रेल बैरन बनी हुई है। अक्टूबर तक गोरखपुर से बनकर चलने वाली किसी भी स्पेशल ट्रेन में कोई जगह नहीं है।

कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो पहुंच रहे दिल्ली, कुछ दलालों की शरण में

मंगलवार को शाम 6 बजे के आसपास रेलवे स्टेशन परिसर में बेल्थरा रोड के राकेश और संतोष उदास बैठे थे। उन्हें कुशीनगर एक्सप्रेस से मुंबई जाना था। कंपनी मालिक ने टिकट भेजा था, लेकिन वह कंफर्म नहीं हो पाया था। अब उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। कहां जाएं। आखिर गांव में कब तक रहेंगे। कोई रोजगार भी तो नहीं है। उनके बगल में बैठे सलेमगढ़ के गोविंद काफी खुश लग रहे थे। गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस में उनका टिकट कंफर्म था। पूछने पर बोले, मुंबई में एस कार्गों नाम की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करते हैं। लॉकडाउन शुरू हुआ तो वे अपने आठ दोस्तों के साथ साइकिल से ही घर आ गए। अनलॉक में कंपनी मालिक परेशान है। सभी ट्रेलर खड़े हैं। उसी ने टिकट भेजा है। 

कंपनी ने नौकरी पर बुलाया पर जाएं कैसे ?

स्टेशन परिसर में ही नागपुर की यात्रा पर निकले भोरे कटया निवासी रिंकू, विशाल और शैलेष भी टहल रहे थे। पूछने पर बताया, लाकडाउन में घर आ गए थे। कब तक गांव में रहेंगे। यहां कोई काम भी तो नहीं है। कंपनी बंद चल रही है। ठीकेदार ने बुलाया है। मुंबई वाली ट्रेन में टिकट नहीं मिला तो चौरीचौरा एक्सप्रेस में प्रयागराज तक का टिकट भेजा है। प्रयागराज से बस के जरिये नागपुर जाएंगे। प्रयागराज से और भी लड़के हैं, जिसे कंपनी ने बुलाया है। गोविंद, रिंकू और विशाल ही नहीं इनके जैसे लॉकडाउन में घर आए हजारों युवा वापस जाने के लिए परेशान हैं। कंपनी के मालिक भी उनकी राह देख रहे हैं। वे खुद ट्रेनों में टिकट की व्यवस्था कर रहे हैं। कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो तरह-तरह की युक्ति भी लगा रहे हैं। कुछ रेलवे कोटा का लाभ पाने के लिए दिल्ली पहुंच रहे तो कुछ दलालों की शरण में जा रहे। टिकट की व्यवस्था नहीं हो पा रही तो बस ही बुक कर दे रहे हैं।

कुछ स्पेशल ट्रेनों की स्थिति

02591 गोरखपुर यशवंपुर - 28 सितंबर को स्लीपर में 122, एसी थर्ड में 42 और जनरल टूएस में 83 तथा 17 अक्टूबर को स्लीपर में 64, एसी थर्ड में 04 और जनरल टूएस में 21 वेटिंग।

01016 कुशीनगर स्पेशल - 28 सितंबर को स्लीपर में 144, एसी थर्ड में 46 और जनरल टूएस में 62 तथा 17 अक्टूबर को स्लीपर में 73, एसी थर्ड में 12 और जनरल टूएस में 17 वेटिंग।

02541 गोरखपुर-एलटीटी - 28 सितंबर को स्लीपर में 150, एसी थर्ड में 49 और जनरल टूएस में 57 तथा 17 अक्टूबर को स्लीपर में 64, एसी थर्ड में 08 और जनरल टूएस में 24 वेटिंग।

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