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DUSU चुनाव में ABVP का डंका, तीन सीटों पर किया कब्जा, NSUI को सिर्फ एक सीट

DUSU चुनाव के नतीजों की घोषणा हो गई है. इस चुनाव में ABVP ने तीन पदों पर कब्जा किया है, वहीं, NSUI को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई है.

जीत के बाद ABVP उम्मीदवार जीत के बाद ABVP उम्मीदवार
मोहित ग्रोवर/ईशा गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनावों में एक बार फिर ABVP ने जीत का परचम लहराया है. ABVP ने डूसू चुनाव में तीन पदों पर जीत दर्ज की है वहीं, NSUI को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई है. इसके अलावा एक गठबंधन में लड़े लेफ्ट और आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई को डूसू चुनाव से खाली हाथ लौटना पड़ा है.

अध्यक्ष पद पर ABVP उम्मीदवार अंकिव बसोया ने जीत दर्ज की है. इसके अलावा उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर भी ABVP की जीत हुई है. वहीं, NSUI के खाते में सिर्फ सचिव पद आया है. डूसू उपाध्यक्ष पद पर ABVP से शक्ति सिंह, सचिव पद पर NSUI से आकाश चौधरी और संयुक्त सचिव पद पर ABVP की ज्योति चौधरी ने जीत दर्ज की है.

इससे कुछ घंटे पहले 'ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी' होने पर मतगणना रुक गई थी और संगठनों ने हंगामा किया था. ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के बाद, कांग्रेस से जुड़े संगठन एनएसयूआई ने नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की जबकि आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने मतगणना फिर से शुरू कराने को कहा. बाद में, सभी उम्मीदवारों ने मतगणना फिर से शुरू करने पर सहमति जताई.

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मतगणना रुकने से पहले, शुरुआती रुझान में कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई अध्यक्ष पद पर बढत बनाए हुए थी जबकि एबीवीपी का उम्मीदवार उपाध्यक्ष पद पर आगे चल रहा था. गड़बड़ ईवीएम के आरोपों के बाद शुरू में मतगणना एक घंटे के लिए रुकी थी. हालांकि, छात्रों द्वारा आपत्ति जताने के बाद चुनाव अधिकारियों ने मतगणना रोकने का फैसला किया. डूसू चुनावों के लिए एक चुनाव अधिकारी ने कहा, 'विस्तृत चर्चा के बाद, यह फैसला किया गया कि मतगणना आज फिर से शुरू होगी. इस पर सभी उम्मीदवार सहमत हो गये.'

बताया जा रहा है कि एक ईवीएम में 10वें नंबर के बटन पर चालीस वोट पड़े हैं. जबकि नोटा को मिलाकर कुल 9 ही उम्मीदवार हैं. यानी 10वें नंबर का बटन काम नहीं करना चाहिए था इसके बाद भी उसमें वोट पड़े. हालांकि, इस पर अभी किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है. तोड़फोड़ के दौरान ही ABVP के सचिव पद के उम्मीदवार के हाथ में चोट भी लग गई. 

वहीं NSUI की ओर से कहा गया है कि हम अध्यक्ष और सचिव पद पर जीत रहे थे, लेकिन तभी ईवीएम में गड़बड़ी होनी शुरू हो गई. साफ है कि कुछ गड़बड़ी की गई है. वहीं NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान का कहना है कि हम चारों सीटें जीत रहे थे, इसमें सरकार ने गड़बड़ी की है.

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6 राउंड की गिनती पूरी होने तक अध्यक्ष और सचिव पद पर NSUI आगे चल रही थी. वहीं उपाध्यक्ष और ज्वाइंट सेकेट्ररी के पद पर ABVP आगे चल रही थी.

NSUI की ओर से अध्यक्ष पद पर सन्नी छिल्लर, सचिव पद पर आकाश आगे चल रहे हैं. उपाध्यक्ष पद पर ABVP के शक्ति, ज्वाइंट सेकेट्ररी पद पर ज्योति आगे चल रही हैं.

बुधवार को इसके लिए वोट डाले गए थे. इस बार मात्र 44.46 प्रतिशत ही वोटिंग हुई थी. राष्ट्रीय राजधानी के कॉलेजों में 52 केंद्रों पर मतदान हुआ. इन चुनाव में कुल 23 उम्मीदवार खड़े हुए थे.

बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे और साढ़े नौ बजे के बीच 18.5 फीसदी मतदान हुआ और सुबह साढ़े 11 बजे तक 34 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

डूसू चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रत्याशी मैदान में हैं, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति ने वामपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय छात्र संघ (AISA) के साथ गठबंधन किया है.

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एनएसयूआई ने इन चुनावों में दिल्ली विश्वविद्यालय को ‘‘उत्कृष्टता संस्थान’’ का दर्जा दिलाने और दस रुपए की थाली का वादा किया है जबकि एबीवीपी ने छात्र संघ का 50 फीसदी बजट महिलाओं और सामाजिक न्याय संबंधित गतिविधियों पर खर्च करने तथा खेलों को बढ़ावा देने और कॉलेज परिसरों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाने का वादा किया है.

आप के फरवरी 2015 में दिल्ली में सत्ता में आने के बावजूद उसकी छात्र ईकाई डूसू चुनावों में असफल रही है. उसने सीसीटीवी कैमरे लगाने, परिसर में पुलिस बूथ लगाने, ‘‘गुंडागर्दी की संस्कृति’’ खत्म करने और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने का वादा किया है.

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