परिणय सूत्र में बंधे 52 पहाड़िया जोड़े

संवाद सहयोगी, पाकुड़ : राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से शहर के शिव-शीतला मंदिर में मंगलवार को सामूहि

By Edited By: Publish:Wed, 18 Jan 2017 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 18 Jan 2017 01:00 AM (IST)
परिणय सूत्र में बंधे 52 पहाड़िया जोड़े
परिणय सूत्र में बंधे 52 पहाड़िया जोड़े

संवाद सहयोगी, पाकुड़ : राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से शहर के शिव-शीतला मंदिर में मंगलवार को सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें आदिम जनजाति के 52 जोड़े युवक-युवतियां परिणय सूत्र में बंधे। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में वृंदावन से आए आचार्य राजेंद्र कृष्ण शास्त्री, गायत्री परिवार के पुरोहित डॉ. अशोक कुमार ¨सह व राम बाबा मोतीलाल पहाड़िया ने ¨हदू रीति-रिवाज से वैवाहिक कार्य संपन्न कराया। विद्वान पुरोहितों व समाज के गणमान्य लोगों की उपस्थिति में 52 वर ने अपनी वधुओं की मांग में ¨सदूर भरा। इसके पूर्व वर-वधू के परिजनों ने पहाड़िया परंपरा के अनुसार आम पेड़ के पास पूजा-अर्चना की व पेड़ की परिक्रमा की। विवाह समारोह में सेवा भारती की ओर से नवविवाहित जोड़ों को उपहार स्वरूप वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, कंबल, चादर व रसोई का बर्तन प्रदान किया गया। इसके पूर्व बैंड-बाजा के साथ सामूहिक बारात निकली, जो शहर भ्रमण कर एक साथ विवाह स्थल तक पहुंची। बारात में शामिल समाज के सभी वर्गों के लोग जमकर झूमे और इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने। सेवा भारती की ओर से पाकुड़ में सामूहिक विवाह का यह चौथा कार्यक्रम है।

इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष बाबूधन मुर्मू, बीस सूत्री उपाध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, सेवा भारती के प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश केजरीवाल, राष्ट्रीय सह सचिव गुरुशरण प्रसाद, अखिलेश्वर नाथ मिश्रा, सेवानिवृत्त कर्नल बालेश्वर मिश्रा, राजकुमार साहू, बीएन पांडेय, पंकज कुमार, डॉ. सुष्मिता पांडेय, माया ¨सह, गीता कुमार, रमाकांत दूबे, पूनम देवी पूर्व नप अध्यक्ष, कार्यक्रम संयोजक विश्वनाथ भगत, अध्यक्ष आनंद चौधरी, जनार्दन ठाकुर, सत्यनारायण ¨सह, प्रदीप जायसवाल, यमुना पहाड़िया, दीपक गुप्ता, दुर्गा शर्मा आदि मौजूद थे।

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नारी का करें सम्मान : शास्त्री

पाकुड़ : नवविवाहित युवाओं को आशीष देते हुए वृंदावन के आचार्य राजेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि विवाह संस्कार में बंधने के बाद नारी का सम्मान करना सीखें। जातिवाद के कारण आज ¨हदू समाज व धर्म घटता जा रहा हैं। ऊंच-नीच का पाठ पढ़ाकर लोग षडयंत्र के तहत धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। इसलिए अपने ¨हदू धर्म की रक्षा करें। गोमाता की रक्षा कर उसका पालन करें।

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