West Bengal: बंगाल में तीसरी बार जीत की दूसरी वार्षिकी पर ममता बनर्जी बोलीं- जनता से ज्यादा कोई ताकतवर नहीं
Mamata Banerjee News: तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीसरी बार जीत की दूसरी वार्षिकी पर कहा कि प्रजातंत्र में जनता से ताकतवर कोई नहीं है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार की तीसरी जीत की दूसरी वार्षिकी पर ममता बनर्जी ने मां, माटी, मानुष दिवस पर राज्य की जनता को बधाई दी. इसके साथ ही कहा है कि साल 2021 के चुनाव में पूरी दुनिया को दिखाया है कि प्रजातंत्र में जनता से ज्यादा कोई ताकतवर नहीं होता है. ममता बनर्जी ने पीएम मोदी की मन की बात पर तंज कसते हुए कहा कि यह मन की बात नहीं झूठ की बात है.
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 200 के पार का नारा दिया था और ममता बनर्जी सरकार के सामने कड़ी चुनौती पेश की थी, लेकिन ममता बनर्जी ने खेला होबे का नारा दिया था और भाजपा को मात्र 77 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
ममता बनर्जी बोलीं-मां, माटी और मानुष की सदा हूं अभारी
I am ever grateful to our Ma- Mati-Manush who have showed to the world on this day in 2021, that there is no bigger a power than the power of people in a democracy.
We should continue in our effort and commitment towards nation building as many more battles are to be fought &
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 2, 2023
ममता बनर्जी ने तीसरी बार जीत की दूसरी वार्षिकी के अवसर पर कहा कि वह मां-माटी-मानुष का सदा आभारी हैं, जिन्होंने 2021 में आज के दिन दुनिया को दिखा दिया कि लोकतंत्र में जनता की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं होती है. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में जनता ही सबसे ज्यादा ताकतवर होती है.
ममता बनर्जी ने कहा, “हमें राष्ट्र निर्माण के प्रति अपने प्रयास और प्रतिबद्धता को जारी रखना चाहिए, क्योंकि अभी बहुत सी लड़ाइयां एक साथ लड़ी और जीती जानी हैं. मैं मा-माटी-मानुष दिवस पर आज हमारे राज्य में लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए बांग्ला के सभी लोगों के अथक समर्थन के लिए ईमानदारी से बधाई देती हूं.”
इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि मन की बात के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है. चुनाव के पहले बीजेपी वादा करती है, लेकिन बाद में उसे पूरा नहीं करती है. मन की बात वास्तव में झूठ की बात है.
ममता बनर्जी ने ‘मन की बात’ को बताया ‘झूठ की बात’
- पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा ममता बनर्जी की सरकार की बड़ी चुनौती है. भाजपा सहित विरोधी दल चुनाव बाद हिंसा का आरोप लगाते रहे हैं और इस साल पंचायत चुनाव होना है. फिर से हिंसा की आशंका है.
- पंचायत स्तर पर बेलगाम भ्रष्टाचार है. स्वच्छ पंचायत व्यवस्था का निर्माण करते समय शीर्ष नेतृत्व को पार्टी कार्यकर्ताओं से डील करनी पड़ रही है. शिक्षक भर्ती घोटाले सहित कई घाटालों का खुलासा हो रहा है और कई टीएमसी के नेता जेल में हैं.
- स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं से लोगों में नाराजगी है. स्थानीय लोगों का गुस्सा समाप्त करने के लिए अभिषेक बनर्जी को दो महीने का जनसंपर्क करना पड़ रहा है.
- भर्ती में भ्रष्टाचार के कारण सत्ताधारी दल पहले ही संकट में है. सीबीआई और ईडी की लगातार रेड चल रही है. कई नेताओं को ईडी और सीबीआई ने हिरासत में लिया है.
- सरकारी कर्मचारियों का डीए बकाया कम चल रहा है. दिन प्रतिदिन यह संशय बढ़ता जा रहा है कि क्या वे पहले की तरह चुपचाप सरकार के साथ रहेंगे. पंचायत चुनाव इसका असर पड़ सकता है.
- तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में असंतोष बढ़ रहा है. कहीं कांग्रेस तो कहीं लेफ्ट तो कहीं बीजेपी तृणमूल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को तोड़ रही है और जैसे ही पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान होगा. इसकी संख्या बढ़ेगी.