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सूरत

‘आचार्य महाप्रज्ञ को सदियां रखेगी याद’

आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान औऱ जीवन विज्ञान के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण की कला जन-जन को सिखाई

सूरतApr 30, 2019 / 06:53 pm

Dinesh Bhardwaj

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‘आचार्य महाप्रज्ञ को सदियां रखेगी याद’

सूरत. संसार मे आने वाले को एक दिन निश्चित जाना पड़ता है, परंतु जो व्यक्ति अपनी कर्म शक्ति जागृत कर करिश्मा दिखा जाते है। वे जन-जन के दिल-दिमाग मे स्थान बना लेते हैं। ऐसे ही महापुरुष तेरापंथ धर्मसंघ के दसवें आचार्य महाप्रज्ञ थे। यह बात आचार्य की दसवीं पुण्यतिथि के मौके पर सोमवार को मुनि कमलकुमार ने सूरत में कही। मुनि ने उनके जीवन चरित्र का बखान करते हुए बताया कि राजस्थान के सरदारशहर में भंसालीजी के बाग में दीक्षा ग्रहण करने वाले आचार्य महाप्रज्ञ आचार्य तुलसी के सक्षम पट्टधर बने। उनकी विनम्रता, विद्वता, सरलता, समर्पण, गुरु भक्ति, आचार निष्ठा के गुणों को देखकर गुरुदेव तुलसी ने अपने रहते ही अपना आचार्य पद विसर्जन कर उन्हें आचार्य पद पर प्रतिष्ठित कर दिया। तेरापंथ धर्मसंघ के लिए यह प्रथम घटना थी। आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान औऱ जीवन विज्ञान के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण की कला जन-जन को सिखाई। कई आगमों का सम्पादन कर अनेक पुस्तकें लिखकर संसार की जटिल समस्याओं का समाधान प्रदान करने वाले आचार्य महाप्रज्ञ को सदिया याद करेगी। आचार्य महाप्रज्ञ ने सरदारशहर में दीक्षा ग्रहण की और सरदारशहर में ही नश्वर देह का त्याग दस वर्ष पूर्व 30 अप्रेल को किया था। मुनि ने सोमवार को अपने संबोधन में आचार्य महाप्रज्ञ के दसवें महाप्रयाण दिवस पर कोटि-कोटि श्रद्धांजलि समर्पित की।

नमस्कार महामंत्र जाप


आचार्य महाप्रज्ञ के दसवें महाप्रयाण दिवस के मौके पर मंगलवार को नमस्कार महामंत्र जाप, भक्तामर स्त्रोत एवं प्रातकालीन प्रवचन आदि के कार्यक्रम वेसू में श्यामसंगिनी के ग्राउंड फ्लोर पर होगा। मुनि कमलकुमार के सानिध्य में कार्यक्रम की शुरुआत सुबह आठ बजे प्रवचन से की जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहेंगे।

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