कांग्रेस की कर्नाटक चुनाव में अप्रत्याशित जीत ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रुख बदल दिया है। पहले उनकी तरफ से कहा गया था कि वे 2024 में अकेले ही जाने वाली हैं और कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। लेकिन अब ममता का कहना है कि जहां कांग्रेस मजबूत होगी, वहां उसे समर्थन दिया जाएगा। ममता बनर्जी का ये बयान उस समय आया है जब कर्नाटक चुनाव की जीत के बाद पार्टी शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई बड़े नेताओं को बुलाने की तैयारी कर रही है।

ममता का क्या प्लान, कांग्रेस करेगी बलिदान?

सीएम ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा है कि जहां भी कांग्रेस मजबूत होगी, उसे वहां जरूर समर्थन दिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी को ही दूसरे दलों की स्थिति को समझना होगा। ऐसा नहीं हो सकता कि हम समर्थन करते रहें, फिर हमारे ही खिलाफ मुकाबला किया जाए। कुछ ना कुछ बलिदान तो देना ही होता है। टीवी9 भारतवर्ष की एक रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी पूरा प्लान बता दिया है जिसके दम पर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता तैयार की जा सकती है।

ममता ने फॉर्मूला दिया है कि जिस राज्य में जो पार्टी मजबूत है, उसे ही बीजेपी से मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप, बिहार में नीतीश, और दूसरे राज्यों में जो क्षेत्रीय पार्टी मजबूत है, उसे ही बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। बस सभी पार्टियों को एक दूसरे का समर्थन देना होगा। ममता का बयान बताने के लिए काफी है कि वे किसी भी एक पार्टी का दबदबा नहीं चाहती हैं। अभी तक कांग्रेस जिस तरह से आगे से लीड कर रही थी, ममता को ये स्वीकार नहीं है। वे सभी दलों के लिए समान प्लेइिंग फील्ड चाहती हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि कांग्रेस को 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका देना चाहिए क्योंकि वो वहां पर मजबूत है।

क्यों हुई थी ममता-कांग्रेस में तकरार?

कर्नाटक चुनाव से पहले तक सीएम ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ गठबंधन ही नहीं करना चाहती थीं। उनकी नजर में कांग्रेस, बीजेपी को नहीं हरा सकती। इसके ऊपर जिस तरह से त्रिपुरा चुनाव के दौरान अभिषेक बनर्जी और राहुल गांधी के बीच तल्खी देखने को मिली थी, उसने भी किसी तरह के समझौते की संभावना को कम कर दिया था। लेकिन अब एक चुनाव के नतीजे फिर कांग्रेस को टीएमसे के करीब ला दिया है।