एक कांग्रेसी को उनमें शेरनी नजर आ रही है तो दो कांग्रेसियों को झांसी की रानी। वे यानी ममता बनर्जी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री। कांग्रेसी ममता की तारीफ करें, एक नज़र में इसमें कोई बड़ी बात नहीं। आखिर कांग्रेस की राह से गुजर कर ही ममता ने आज राजनीतिक ऊंचाइयां हासिल की है। दूसरे नेताओं को तो छोड़ दें, कहते हैं कि सोनिया के साथ भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि हाल में संपन्न हुए चुनावों में कांग्रेस और वामपंथी एक होकर ममता के खिलाफ लड़े थे।

ममता की नई तारीफ का नया एंगिल तारीफ करने वालों के नाम हैं। संक्षेप में इन्हें 23 लोगों का ग्रुप यानी जी-23 कहा जाता है। इन लोगों ने कुछ वक्त पहले बयानबाजी से अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस की खटिया खड़ी कर दी थी। इन 23 में एक थे गुलाम नबी आज़ाद। वे विपरीत परिस्थितियों में लड़कर भाजपा को हराने के लिए ममता बनर्जी को पूरब की शेरनी की संज्ञा दे रहे हैं। दूसरे नेता हैं कपिल सिब्बल। उन्होंने ममता को हिम्मती और जमीन से जुड़ी नेता बताते हुए आधुनिक झांसी की रानी की संज्ञा दी है। ममता ने साबित कर दिया है कि हालात चाहे जितने कठिन हों लेकिन अगर आदमी ठान ले तो बड़े से बड़े तुर्रम खान को पटका जा सकता है।

एक अन्य कांग्रेसी मनीष तिवारी ने भी ममता को झांसी की रानी कह कर पुकारा है और कहा है कि इस महिला ने इतिहास रच दिया है। आनन्द शर्मा को ममता की शानदार विजय में पूरे भारत के लिए आशा की किरण नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल में टीएमसी की जीत से भारत में उन सभी लोगों को ताकत मिली है जो समावेशी और लोकतांत्रिक भारत में यकीन करते हैं।

उल्लेखनीय है कि जी-23 के इन नेताओं के अलावा कांग्रेस ने ममता की जीत पर औपचारिक तौर से इस प्रकार की खुशी नहीं जाहिर की है। किसी नेता ने प्राइवेट रूप से ममता को बधाई दी हो तो बात दीगर है।