उत्तराखंड राज्य भारत के उत्तर में स्थित पहाड़ी राज्यों में से एक है। इस राज्य का गठन उत्तर प्रदेश से विभाजन कर किया गया था, जिसके लिए कई वर्षों तक आंदोलन भी चला था। ऐसे में साल 2000 में इस राज्य का गठन हुआ था। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति के साथ-साथ अनूठी परंपराओं और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
इसके साथ ही यह भारत की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। आपने उत्तराखंड से निकलने वाली अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड की सबसे लंबी नदी कौन-सी है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तराखंड में कुल कितनी नदियां हैं
उत्तराखंड से निकलने वाली नदियां भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती हैं। इसके साथ ही यहां से निकलने वाली नदियां सिंचाई के साथ-साथ जल विद्युत परियोजना के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। गंगा नदी का उद्गम स्थल उत्तरांखड से ही होती है।
गंगा नदी भागीरथी नदी के रूप में गोमुख से 25 किलोमीटर से दूर गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है। इसके बाद भागरीथी व अलकनंदा नदी का देवप्रयाग में संगम होने के बाद यह गंगा नदी के रूप में जानी जाती है।
अलकनंदा की सहायक नदियां धौली, विष्णु गंगा और मंदाकिनी नदी है। इसके अलावा यमुना नदी का उद्गम बंदरपूंछ ग्लेशियर से होता है। इनके अलावा राज्य में रामगंगा, टोंस, काली,गौरीगंगा, पिंडर, नयार पूर्व व पश्चिम और सोंग नदी है।
उत्तराखंड की सबसे लंबी नदी
उत्तरांखड की सबसे लंबी नदी की बात करें, तो यह काली नदी है, जिसे हम कालीगंगा, शारदा और महाकाली नदी के नाम से भी जानते हैं।
कहां से होता है नदी का उद्गम
काली नदी के उद्गम की बात करें, तो इस नदी का उद्गम पिथौरागढ़ जिले में हिमालय की 5000 मीटर की ऊंचाई पर कालापानी नामक जगह से होता है। यहां से नदी का उद्गम होने के बाद लिपु-लीख दर्रे के पास भारत और तिब्बत के पास स्थित काली माता मंदिर से इस नदी को अपना नाम मिलता है।
कितनी लंबी है नदी
काली नदी की कुल लंबाई 350 किलोमीटर है, जो कि सरयू नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। इसके साथ ही यह नदी अंत में जाकर गंगा नदी में जाकर मिल जाती है। इस नदी के किनारे तवाघाट, धारचूला, जौलजीबी, झूलाघाट, बनबसा, महेंद्रनगर और टनकपुर जैसे प्रमुख शहर बसे हुए हैं।