West Bengal: बंगाल में फिर पैर पैसारने की कोशिश कर रहे माओवादी, किशोर दा से पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा
मालूम हो कि किशनजी की मौत के बाद विभिन्न माओवादी नेताओं के आत्मसमर्पण करने से बंगाल के जंगलमहल इलाके में माओवादी गतिविधियां काफी काफी कम हो गई थीं लेकिन अब वे फिर से खुद को सक्रिय करने में जुट गए हैं। सूत्रों ने बताया कि किशोर दा छात्र जीवन में नक्सली आंदोलन से जुड़ा था और कुछ साल पहले ही उसे माओवादियों की केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाया गया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में माओवादी फिर से पैर पसारने की कोशिश कर रहे हैं। हाल में गिरफ्तार किए गए माओवादी नेता सब्यसाची गोस्वामी उर्फ किशोर दा से पूछताछ में यह सनसनीखेज तथ्य सामने आया है। गोस्वामी ने बताया है कि बंगाल के झारग्राम जिले के बेलपहाड़ी इलाके में माओवादी सशस्त्र दस्ता तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
मालूम हो कि किशनजी की मौत के बाद विभिन्न माओवादी नेताओं के आत्मसमर्पण करने से बंगाल के जंगलमहल इलाके (बंगाल के बांकुड़ा, पुरुलिया व पश्चिम मेदिनीपुर जिले के विभिन्न हिस्से) में माओवादी गतिविधियां काफी काफी कम हो गई थीं, लेकिन अब वे फिर से खुद को सक्रिय करने में जुट गए हैं।
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सूत्रों ने बताया कि किशोर दा छात्र जीवन में नक्सली आंदोलन से जुड़ा था। कुछ साल पहले ही उसे माओवादियों की केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाया गया था। बाद में माओवादियों के पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसके बाद से वह माओवादियों का सशस्त्र दस्ता तैयार करने में जुटा हुआ था। वह नदिया व मुर्शिदाबाद जिलों के लोगों को माओवाद की ओर धकेलने के लिए प्रभावित कर रहा था। वह लोगों को सरकारी उपेक्षा का हवाला देकर उकसा रहा था।
किशोर दा ने पूछताछ में सात-आठ लोगों के नाम बताए हैं। उसके पास से कई पत्र भी बरामद हुए हैं, जिनमें भी कई लोगों के नाम हैं। पुलिस उन सबका पता कर रही है।
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