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सीएम धामी ने मायावती आश्रम में की योग साधना, यह है 123 साल पुराने आश्रम की विशेषता

Mayawati ashram Champawat चम्पावत के प्रसिद्ध बग्वाल मेले में शामिल होने के बाद शुक्रवार को सीएम धामी मायावती आश्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने योग साधना कर रात्रि विश्राम किया। उन्होंने आश्रम को आध्यात्मिक ऊर्जा का स्त्रोत बताया। आश्रम में स्वामी विवेकानंद का पदार्पण 3 जनवरी 1901 को हुआ था।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 10:56 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 10:56 PM (IST)
धामी के कार्यक्रम में सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम था, लेकिन देवीधुरा आने के बाद उनके कार्यक्रम में बदलाव हुआ।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के विभिन्न कार्यक्रमों में दिन भर की व्यस्तता के बाद देर शाम लोहाघाट में वन आच्छादित प्रकृति की गोद में  स्थित अद्वैत आश्रम मायावती पहुंचे। यहां की खूबसूरत वादियों में उन्होंने योग साधना की और रात्रि विश्राम किया।

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स्वामी विवेकानंद ने किया था प्रवास

यह वही दिव्य स्थल है जहां स्वामी विवेकानंद ने 1901 में एक पखवाड़े तक यहां प्रवास किया था। अपने पूर्व दौरे में भी सीएम धामी मायावती आश्रम आ चुके हैं।

मायावती आश्रम अद्वैत व वेदांत के जिज्ञासायों के लिए ऐसा केंद्र है जहां आकर मनुष्य को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। उसके मन को शांति मिलती है। 

धामी ने बताया ऊर्जा स्थल

सीएम धामी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने यहां तपस्या की थी, यह  स्थान हम लोगो के लिए पूज्य स्थान है, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर मायावती हमेशा नई ऊर्जा प्रदान करता है। यह ध्यान, शांति, अध्यात्म का केंद्र है। धामी के पूर्व कार्यक्रम में सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम था, लेकिन उनके देवीधुरा आने के बाद उनके कार्यक्रम में बदलाव हुआ।

शुक्रवार को उन्होंने देवीधुरा में मां वाराही धाम में आयोजित बगवाल में शिरकत की। उसके बाद में वह मृत चौड़ाकोट में आर्मी जवान के घर और फिर पूर्व विधायक पूरन फर्त्याल की माता के निधन पर उनके घर सांत्वना देने पहुंचे।

1899 में निर्माण

स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा से उनके अनुयायियों द्वारा शताब्दी पूर्व लोहाघाट के निकट घने जंगलों के बीच मायावती में अद्वैत आश्रम की स्थापना की गई। स्वामी जी के शिष्य सेवियर दंपत्ति द्वारा इस आश्रम का निर्माण 19 मार्च 1899 में कराया गया।

आश्रम में स्वामी विवेकानंद का पदार्पण 3 जनवरी 1901 को हुआ था। तब स्वामी जी काठगोदाम से वाया देवीधुरा होते हुए लगभग 173 किमी की दुर्गम पैदल यात्रा कर अपने अनुयायियों के साथ मायावती पहुंचे थे।

दो सप्ताह के प्रवास के दौरान स्वामी जी ने यहां ध्यान एंव वेदांत की रसधारा प्रवाहित कर आश्रम को अद्वैत भाव से जोड़ा। तभी से यह आश्रम एक तीर्थ के रूप में विख्यात हो गया।

स्वास्थ्य-शिक्षा को समर्पित आश्रम

मायावती आश्रम में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, रूस, जापान व आस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों से यहां पहुंचकर आध्यात्मिक ऊर्जा ग्रहण करते हैं। आश्रम स्थल से दिखने वाली हिमालय की पर्वत श्रृखंलाएं व शांत वादियां बरबस ही लोगों को अपने ओर खींच लेती हैं।

प्रतिवर्ष देश विदेश के ख्याति प्राप्त चिकित्सकों को बुलाकर आश्रम के धमार्थ अस्पताल में चिकित्सा शिविर आयोजित कर हजारों मरीजों का निशुल्क उपचार करवाया जाता है। 


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