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देश में फिर शुरू हुई जनगणना, जानें क्‍यों और कब शुरू हुआ था जनगणना का काम

2011 में हुई जनगणना में देश की आबादी 1.21 अरब हो चुकी थी। भारत में प्रत्येक दस वर्ष के अंतराल पर नियमित जनगणना का कार्य किया जाता है। बताते हैं अकबर के समय में भी जनगणना होती थी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 12:02 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 12:02 PM (IST)
देश में फिर शुरू हुई जनगणना, जानें क्‍यों और कब शुरू हुआ था जनगणना का काम

हांसी (हिसार) [मनप्रीत सिंह] आबादी के मामले में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश में जनगणना का आगाज हो चुका है। भारत की भौगोलिक परिधि के अंदर बसने वाले प्रत्येक नागरिक की गणना करने के लिए जनगणना 2021 के तहत प्रदेश के तीन जिलों में प्री-टेस्ट का प्रथम चरण पूरा हो चुका है व 30 सितंबर को दूसरा चरण भी संपन्न हो जाएगा।

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140 सालों के इतिहास में पहली बार जनगणना का काम पूरी तरह से डिजिटल तरीके से होगा। पर्यवेक्षक घरों में जाकर मोबाइल एप में डाटा एकत्रित करेंगे। देश ही नहीं, पूरा विश्व भारत की जनगणना पर नजर गड़ाए बैठा है कि आखिर विश्व की 17 फीसद जनसंख्या की हिस्सेदारी रखने वाले देश की आबादी में इस बार कितना इजाफा होगा।

हरियाणा की बात करें तो आबादी के मामले में प्रदेश का स्थान देश में 18 वां है और देश की जनसंख्या के 2.9 फीसद लोग बसते हैं। जनगणना 2021 के तहत प्रदेश में गुरुग्राम, अंबाला व सिरसा जिलों में प्री टेस्ट आयोजित करवाया जा रहा है व प्री टेस्ट के पूरा होते ही 1 अप्रैल 2020 से देशभर में जनगणना का कार्य शुरू हो जाएगा जो 28 फरवरी 2021 तक चलेगा।

इस काम को 33 लाख पर्यवेक्षक पूरा करेंगे। 2001 में प्रदेश की जनसंख्या 2 करोड़ 11 लाख 44 हजार 564 थी, जो 2011 में 2 करोड़ 53 साथ 51 हजार 462 हो गई। इस अवधि में प्रदेश में जनसंख्या की बढ़ोतरी दर में 8 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, देश की बात करें तो 1991-2001 की जनगणना में देश की आबादी में 21.54 फीसद बढ़ोतरी हुई थी, जबकि 2001-2011 के बीच में बढ़ोतरी की दर 17.64 फीसद पर आ गई व बढ़ोतरी में 3.90 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।

जनगणना 2021 में देश के लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति व धर्म संबंधित डाटा भी एकत्रित किया जाएगा। ये डाटा ही देश व राज्यों के आने वाले भविष्य की रूपरेखा तय करेगा। हालांकि जाति के आधार पर जनगणना तो नहीं होगी लेकिन ओबीसी आबादी की जनगणना इस बार की जा रही है।

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जनगणना का इतिहास

करीब 800 ईसा पूर्व ऋग्वेद में भी जनगणना का जिक्र मिलता है। इसके अलावा मुस्लिम काल में अकबर के शासनकाल के दौरान भी जनगणना की जाती थी। हालांकि अधिकारिक तौर से देश में 1881 से जनगणना का कार्य किया जा रहा है। आजाद भारत की पहली जनगणना का कार्य 1951 में हुआ था। उस समय देश की आबादी महज 36 करोड़ थी, जबकि 2011 में हुई आखिरी जनगणना में देश की आबादी 1.21 अरब हो चुकी थी। भारत में प्रत्येक दस वर्ष के अंतराल पर नियमित जनगणना का कार्य किया जाता है। ताकि जनगणना के अधार पर बनाए जाने वाली योजनाओं को सही रूप में क्रियान्‍वन हो सके।


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