क्यों उत्तराखंड को कहा जाता है देवभूमि? टूरिस्टों के लिए 'स्वर्ग' है यह सूबा

टूरिस्टों के लिए इंडियाडॉटकॉम हिंदी एक नई ट्रैवल सीरीज लाया है. जिसमें आपको देवभूमि के दर्शन कराए जाएंगे. यहां के हिल स्टेशनों के बारे में बताया जाएगा और पहाड़ के कण-कण से परिचय कराया जाएगा. उत्तराखंड को इसकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण धरती पर स्वर्ग की संज्ञा दी जाती है.

Updated: August 4, 2023 10:52 AM IST

By Lalit Fulara

क्यों उत्तराखंड को कहा जाता है देवभूमि? टूरिस्टों के लिए 'स्वर्ग' है यह सूबा

टूरिस्टों के लिए इंडियाडॉटकॉम हिंदी  एक नई ट्रैवल सीरीज लाया है. जिसमें आपको देवभूमि के दर्शन कराए जाएंगे. यहां के हिल स्टेशनों के बारे में बताया जाएगा और पहाड़ के कण-कण से परिचय कराया जाएगा. उत्तराखंड को इसकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण धरती पर स्वर्ग की संज्ञा दी जाती है. ऊंचे हिमालय पर शिव और पार्वती का वास है. यह सूबा भगवान भोलेनाथ का ससुराल और मां पार्वती का मायका है. धार्मिक आस्थाओं का गढ़ है. टूरिज्म के लिहाज से यह सूबा बेहद समृद्ध है. यही कारण है देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी टूरिस्ट इस सूबे की सैर करते हैं. ट्रैवल की नई सीरीज में पढ़िए क्यों उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और टूरिस्टों के लिए यह ‘स्वर्ग’ है?

क्यों उत्तराखंड को कहा जाता है देवभूमि?

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. मान्यता है कि यहां के कण-कण में देवताओं का निवास है. यही वजह है कि इस सूबे की बेहद धार्मिक मान्यता है. हिमालय की गोद में बसा एक छोटा- सा पहाड़ी सूबा स्वर्ग सा है. चारों तरफ हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरे इस सूबे में चार धाम है, सिखों का पवित्र स्थल गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जिसे पांचवां धाम भी कहा जाता है, यहीं है. यहां के हर गांव में एक शिवालय और धूणी है. स्थानीय देवताओं को जागृत करने के लिए जागर लगाई जाती है, जिसमें साक्षात देवता खुशी से झूम उठते हैं और अपना आशीष लोगों को देते हैं. पवित्र बद्रीनाथ यहीं है जो भगवान विष्णु का जागृत स्थल है. गंगा यही से निकलती है और यहां लोगों को मोक्ष मिलता है. हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए देशभर से लाखों-करोड़ों लोग आते हैं. ऋषिकेश के पास मणिकूट पर्वत पर नीलकंठ महादेव मंदिर है, जहां की मान्यता है कि भगवान शिव ने सागर मंथन से निकले विष का पान यही किया था. इस सूबे में कई शक्तिपीठ हैं. नैनीताल में प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर है. देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और साधु-संतों की यह जन्मभूमि, तपभूमि और कर्मभूमि है.

टूरिस्टों के लिए स्वर्ग है यह सूबा

उत्तराखंड टूरिस्टों के लिए स्वर्ग है. यहां कई हिल स्टेशन हैं जो टूरिस्टों को अपनी तरफ अट्रैक्ट करते हैं. नदी, पहाड़, झरने और वादियां टूरिस्टों के मन को मोह लेती हैं. कई ऐसे सीक्रेट डेस्टिनेशन हैं जिनको कम ही लोगों ने एक्सप्लोर किया होता है. ट्रैकिंग और हाइकिंग के लिए बेस्ट जगहें हैं. कैंपिंग और एडवेंचर एक्टिविटी करने वाले टूरिस्टों के लिए यहां खजाना है. उत्तराखंड में टूरिस्ट में टूरिस्ट नैनीताल से लेकर औली एवं मसूरी तक कई खूबसूरत हिल स्टेशनों की सैर कर सकते हैं. यह सूबा कुमाऊं और गढ़वाल दो मंडलों में विभक्त है. तभी रंगीलो कुमाऊं और छबीलो गढ़वाल कहा जाता है. देश के कोने-कोने से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी टूरिस्ट उत्तराखंड की खूबसूरती को एक्सप्लोर करने के लिए आते हैं.

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