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घूमिये उत्तराखंड के ये 2 गांव, इन्हें देखने के बाद भूल जाएंगे नैनीताल, मसूरी और शिमला जैसे हिल स्टेशनों की खूबसूरती
टूरिस्ट अक्सर उत्तराखंड की सैर पर जाते हैं, तो मशहूर हिल स्टेशनों को ही घूमते हैं, जबकि इस सूबे में एक से बढ़िया एक और खूबसूरत गांव हैं, जिनकी खूबसूरती के आगे नैनीताल, मसूरी और हिमाचल प्रदेश स्थित शिमला भी फेल है.
टूरिस्ट अक्सर उत्तराखंड की सैर पर जाते हैं, तो मशहूर हिल स्टेशनों को ही घूमते हैं, जबकि इस सूबे में एक से बढ़िया एक और खूबसूरत गांव हैं, जिनकी खूबसूरती के आगे नैनीताल, मसूरी और हिमाचल प्रदेश स्थित शिमला भी फेल है. भीड़-भाड़ और शोरगुल से दूर ये गांव उन सैलानियों के लिए एकदम सही हैं, जिन्हें एकांत पसंद हैं और पहाड़ की असली खूबसूरती से जो रूबरू होना चाहते हैं. इन गावों की सैर पर सैलानी यहां की संस्कृति, खानपान और परिवेश से परिचित होंगे. इसके साथ ही गांव के जीवन को करीब से अनुभव कर पाएंगे और उसके बारे में जान पाएंगे.
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ऑफबीट डेस्टिनेशंस तलाशने वाले टूरिस्ट जाएं पहाड़ों के गावों में
जो सैलानी ऑफबीट डेस्टिनेशंस की सैर की ख्वाहिश रखते हैं, वे पहाड़ों के गावों में जाएं. यहां वे लोग न सिर्फ प्रकृति की अद्भुत खूबसूरती से रूबरू होंगे, बल्कि यहां कैंपिंग, ट्रैकिंग और लॉन्ग नेचर वॉक की अनुभूति से भी रूबरू हो सकेंगे. पहाड़ों के दूर-दराज के गावों में असली खूबसूरती बसती है. यहां आप झरने, तालाब, नदियां, वादियां और घनघोर जंगलों को देख सकते हैं. पहाड़ी गांवों के घरों में रह सकते हैं और वहां की असली संस्कृति से परिचित हो सकते हैं.
यहां हम आपको दो गांवों माणा और कलाप के बारे में बता रहे हैं, जहां आप इस गर्मी सैर कर सकते हैं और खुद को एक्सप्लोर कर सकते हैं.
माणा गांव
अगर आपने माणा गांव नहीं देखा तो समझिये उत्तराखंड में कुछ मिस कर दिया है. यह गांव किसी स्वर्ग से कम नहीं है! अगर आप एक बार माणा चले गये तो यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि यहां आखिर लोग रहते कैसे हैं और यह इतना खूबसूरत कैसे है? माणा भारत का आखिरी गांव भी कहलाता है जो भारत-चीन सीमा पर बसा है. यह गांव बद्रीनाथ से कुछ ही दूरी पर मौजूद है. बद्रीनाथ दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु माणा की सैर जरूर करके आते हैं. यह गांव 3219 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
कलाप
कलाप एकदम शांत और सुदूर स्थित गांव है. यहां सैलानी ट्रैकिंग और कैंपिंग कर सकते हैं. यह गांव गढ़वाल क्षेत्र में 2286 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. कलाप उत्तराखंड की टोंस घाटी में स्थित है और इस पूरी घाटी को महाभारत की जन्मभूमि माना जाता है. इस गांव से रामायण और महाभारत का इतिहास जुड़ा हुआ है. इसी वजह से यहां के लोग खुद को कौरव और पांडवों को वंशज बताते हैं.