उत्तराखंड में बसे लाखामंडल की इन जगहों को करें एक्सप्लोर

उत्तराखंड में बसा लाखामंडल बेहद खूबसूरत है। यहां की संस्कृति और प्रकृति की सुंदरता आपका मन मोह लेगी।

Hema Pant
  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-08-08, 19:30 IST
places to visit in lakhamandal uttarakhand

उत्तराखंड में ऐसी कई जगहे हैं, जो आज भी ऑफबीट हैं। चकराता से करीब 40 किमी दूर बसा लाखामंडल गांव इतिहास के मायनों में खास है। यहां के जैसे हरे-भरे ऊंचे पहाड़ आपने पहले कभी नहीं देखे होंगे। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली इस गांव की खासियत है।

इसके अलावा यहां कई मंदिर भी हैं, जिनका इतिहास बेहद रोचक है। अगली बार जब भी आप उत्तराखंड में कहीं घूमने का प्लान बनाएंगे तो इस गांव को अपनी ट्रैवल बकेट लिस्ट में जरूर शामिल करें। यहां घूमने के लिए आपको मंदिर से लेकर नदी तक काफी चीजें हैं। चलिए जानते हैं क्या खास है लाखामंडल में।

लाखामंडल शिव मंदिर

shiv temple in lakhamandal

लाखामंडल में स्थित यह शिव मंदिर बेहद खास है। यहां आपको कई शिवलिंग देखने को मिलेंगे। मंदिर के बाहर भी एक शिवलिंग मौजूद है, जिस पर आप अपनी शक्ल देख सकते हैं। यहां रोजाना सात बजे के बाद पूजा होती है, जहां गांव के बच्चे से लेकर बड़े तक सभी लोग शामिल होते हैं।

कहा जाता है कि यह वह जगह है जहां दुर्योधन ने पांडवों को मारने की कोशिश की थी। इस मदिंर के अंदर आपको पार्वती जी के पैरों के निशान भी देखने को मिलेंगे। साथ ही कई मूर्तियां भी दिखेंगी।

यमुना नदी का उठाएं आनंद

yamuna river in lakhamandal

लाखामंडल से करीब 4-5 किमी दूर यमुना नदी बहती है। आप यहां पानी में पैर डालकर घंटो समय बिता सकते हैं। चारों तरफ पहाड़ और नदी का खूबसूरत नजारा आपकी आंखों को सुकून देगा। फोटोग्राफी के लिए भी यह जगह एक दम बेस्ट है। सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर लोगों की भीड़ भी नहीं रहती है।

मंथाट गांव

place to visit near lakhamandal

यह गांव लाखामंडल से करीब 10 किमी दूर है। आप यहां अपनी गाड़ी या जिप्सी से जा सकते हैं। यह गांव ऊंचाई पर बसा हुआ है। यहां से आपको चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ देखने को मिलेंगे।

यहां बैठे आप कुदरत के हसीन नजारे को देख सकते हैं। जहां तक आपकी नजर जाएगी आपको केवल हरे-भरे पहाड़ और बहती हुई नदी ही नजर आएगी।(कोटद्वार में कहां-कहां घूमें?)

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क्या है खास?

अगर आप यहां मानसून के महीने में आते हैं, खासतौर पर अगस्त तो आपको यहां मेला देखने को मिलेगा। इस साल यह मेला 6 अगस्त को था। जहां हजार से ज्यादा की संख्या में लोग आए हुए थे।

यहां आपको खाने से लेकर कपड़े तक सब कुछ मिलेगा। साथ ही ढोल और दमो भी बजाया जाता है, जिस पर गांव की महिलाएं और आदमी मिलकर पारंपरिक लोक नृत्य करते हैं।(लैंसडाउन के बारे में जानें ये जरूरी बातें)

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कुमांऊ की तरफ इस लोक नृत्य को झौड़ बोला जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि यहां महिलाएं जौनसार के पारंपरिक परिधान में नजर आती हैं। जिसमें उन्होनें सिर पर स्कार्फ जिसे ढाटू कहा जाता है, बांधा होता है।

वहीं घाघरा के साथ छोटा कुर्ता पहना होता है। इसके अलावा लाखामंडल के गांव की दिवाली भी बेहद शानदार होती है। इसके अलावा अप्रैल में भी यहां मेला लगता है।

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Image Credit: hema pant

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