आंतरिक सुरक्षा समसामयिकी (10-Dec-2020)
माओवादी खतरे से निपटने हेतु आवश्यक कदम
(Necessary steps to deal with Maoist menace)

Posted on December 10th, 2020 | Create PDF File

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हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में ‘सड़क आवश्यकता योजना’ (Road Requirement Plan- RRP) के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिये शेष बचे हुए अनुबंधों को छोटे पैकेटों में विभाजित करने का सुझाव दिया है जिससे स्थानीय ठेकेदार कार्यों को पूरा कर सकें।

 

सड़क आवश्यकता योजना का कार्यान्वयन देश के 8 राज्यों के 34 वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित ज़िलों में सड़क संपर्क को मज़बूत करने के लिये केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।इन 8 राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।इस योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में 5422 किमी. लंबी सड़कों के निर्माण की परिकल्पना की गई है।

 

कुल बचे हुए 419 किमी. सड़क में से 360 किमी. छत्तीसगढ़ में ही है।इसके तहत प्रस्तावित 5422 किमी. सड़क आवश्यकता योजना के 90% कार्य को पूरा कर लिया गया है परंतु छत्तीसगढ़ में इन परियोजनाओं की प्रगति एक बड़ी चुनौती रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को बचे हुए अनुबंधों को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित करने का सुझाव दिया है, जिससे स्थानीय ठेकेदार इन कार्यों को पूरा कर सकें।छत्तीसगढ़ सरकार का मत है कि स्थानीय लोग अनुबंध/ठेके लेकर कार्य को पूरा कराने के लिये बेहतर स्थिति में होंगे।

 

वामपंथी अतिवाद (Left Wing Extremism- LWE) संगठन ऐसे समूह हैं जो हिंसक क्रांति के माध्यम से बदलाव लाने की कोशिश करते हैं। वे लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ होते हैं और ज़मीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को खत्म करने के लिये हिंसा का इस्तेमाल करते हैं।ये समूह देश के अल्प विकसित क्षेत्रों में विकासात्मक प्रक्रियाओं को रोकते हैं और लोगों को मौजूदा घटनाओं से अनभिज्ञ रखकर गुमराह करने की कोशिश करते हैं।वामपंथी उग्रवादी संगठन दुनिया भर में माओवादी और भारत में नक्सलियों के रूप में जाने जाते हैं।

 

यद्यपि हाल के वर्षों में वामपंथी उग्रवादी समूहों से जुड़ी हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, परंतु ऐसे समूहों को खत्म करने के लिये निरंतर प्रयासों पर और ध्यान देने की आवश्यकता है।सरकार को दो चीज़ें सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है; (i) शांतिप्रिय लोगों की सुरक्षा और (ii) नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का विकास। केंद्र और राज्यों को विकास तथा सुरक्षा में अपने समन्वित प्रयासों के साथ आगे बढ़ना चाहिये,सरकार को सुरक्षा कर्मियों के जीवन की क्षति को कम करने के लिये ड्रोन जैसे तकनीकी समाधानों के प्रयोग पर विशेष ध्यान देना चाहिये।