CBI बनाम ममता: क्या वाक़ई जीत गईं ममता बनर्जी, ख़त्म किया धरना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धरना ख़त्म करने की घोषणा कर दी है.
रविवार की रात से वो सीबीआई के ख़िलाफ़ धरने पर बैठी थीं. सीबीआई की एक टीम तीन फ़रवरी को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शारदा चिट फंड घोटाले में पूछताछ करने आई थी.
इस टीम को कोलकाता पुलिस ने थाने में रोक लिया था और राजीव कुमार से पूछताछ नहीं करने दिया था. पूरे विवाद पर ममता ने केंद्र की मोदी सरकार पर सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठने की घोषणा कर दी थी.
विवाद बढ़ा तो मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर मांग की थी कि राजीव कुमार पूछताछ के लिए सामने आएं.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद राजीव कुमार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजीव कुमार को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता लेकिन उन्हें जांच में सहयोग करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले को ममता ने कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान की जीत है. ममता ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह देश बंदूक गोरक्षकों से नहीं चल सकता.
ममता ने धरना ख़त्म करने की घोषणा करते हुए कहा, ''सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला हमारी नैतिक जीत है. हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं. राजीव कुमार ने ऐसा कभी नहीं कहा है कि वो जांच में सहयोग के लिए तैयार नहीं हैं.''
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने अवमानना की याचिका दायर की है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को 18 फ़रवरी तक जवाब देने के लिए कहा है. ममता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से वो ख़ुश हैं.
ममता ने कहा, ''सीबीआई उन्हें गिरफ़्तार करना चाहती थी. वे राजीव कुमार के आवास पर एक गुप्त ऑपरेशन के तहत पहुंचे थे. आप बिना नोटिस दिए ऐसा नहीं कर सकते हैं. मैं कोर्ट के प्रति आभार प्रकट करती हूं.''
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी. सीबीआई का कहना था कि शारदा स्कैम की जांच में कोलकाता पुलिस कमिश्नर सहयोग नहीं कर रहे हैं.
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