Chhattisgarh News: 56 सालों में 14 हजार से अधिक नक्सलियों की हुई मौत, माओवादी संगठन ने दी जानकारी
Maoist press note release: माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी ने प्रेसनोट जारी किया है. इस प्रेसनोट में बीते 56 सालों में नक्सलियों को हुए नुकसान का आंकड़ा दिया है.
Bastar News: माओवादी संगठन हर साल की तरह इस साल भी 28 जुलाई से 3 अगस्त तक अपने मारे गए साथी नक्सलियों की याद में शहीदी सप्ताह मना रहे हैं. शहीदी सप्ताह को देखते हुए नक्सली संगठन ने बस्तर बंद का आह्वान किया है और अपने बंद को सफल बनाने के लिए जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाकर उत्पात मचाना भी शुरू कर दिया है. शहीदी सप्ताह शुरू होने के 2 दिन पहले भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी प्रवक्ता अभय ने एक प्रेस नोट जारी किया है और इस प्रेस नोट में 56 सालों का आंकड़ा जारी किया है. इस प्रेस नोट के माध्यम से नक्सली प्रवक्ता अभय ने जानकारी दी है कि इन 56 सालों में कितने नक्सली की मौत हो गई है.
56 साल में हुई 14 हजार 800 नक्सली की मौत
दरअसल, अपने प्रेस नोट में नक्सलियों ने 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से शुरू हुए नक्सल संगठन से लेकर 2023 तक के आंकड़ों को जारी किया है. साथ ही नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व व चारू मजूमदार ,कन्हाई चटर्जी का भी प्रेस नोट में जिक्र किया है. मारे गए नक्सलियों की जीवनी का प्रकाशन माओवादी संगठन द्वारा किया गया है. नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी ने 3 भाषा में प्रकाशन किया है जिसमें हिंदी ,अंग्रेजी और तेलुगु भाषा शामिल है. प्रेस नोट में बताया गया है कि साल 1967 से 2023 तक 14 हजार 800 नक्सलियों की मौत हो चुकी है. जिनमें महिला माओवादी की संख्या 1169 है इन आंकड़ों में चारू मजूमदार और कन्हाई चटर्जी के साथ ही 41 शीर्ष नेतृत्व के नक्सली लीडर भी शामिल है. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि बीते 18 सालों में 4 हजार 576 नक्सलियों की मौत हुई है, जिसमें 856 महिला माओवादी शामिल है. सबसे ज्यादा बस्तर, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में नक्सलियों की मौत हुई है.
बीते साल सुकमा में किया था श्रद्धांजलि सभा
दरअसल, बस्तर में माओवादी संगठन हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में शहीदी सप्ताह मनाते हैं और इस दौरान मारे गए नक्सलियों को याद करके उनके स्मारक पर सलामी देते हैं. साथ ही बड़े नक्सलियों की याद में अंदरूनी इलाकों में विशाल शहीद स्मारक का भी निर्माण करते हैं. बीते साल ही नक्सलियों ने सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती घोर नक्सल इलाके में अपनी शहीदी सप्ताह के दौरान भव्य रूप से यहां कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें हजारों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण भी शामिल हुए थे ,और यहां नक्सलियों ने अपने मारे गए साथियों के याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था. स्थानीय ग्रामीणों के साथ कार्यक्रम में हजारों की संख्या में वर्दीधारी नक्सली मौजूद रहे. साथ ही नक्सलियों के इस कार्यक्रम में केंद्रीय कमेटी के 1 करोड़ रुपए के ईनामी बड़े नक्सली लीडर भी मौजूद रहे.
शहीदी सप्ताह को लेकर सुरक्षा के किये गए है तगड़े इंतजाम
इधर नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि बस्तर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, और अंदरूनी इलाकों में जवानो की गश्ती भी बढ़ा दी है. पुलिस की कोशिश यही है कि नक्सली अपने शहीदी सप्ताह के दौरान किसी बड़ी वारदात को अंजाम न दे पाए, इसलिए चप्पे-चप्पे पर बस्तर के नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही एंटी नक्सल ऑपरेशन भी अंदरूनी इलाकों में जारी रखने को कहा गया है.
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