उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के नागरिकों को शुभकामनाएं प्रेषित की। श्री मोदी के अनुसार देवभूमि उत्तराखंड ने भारतीय रीति-रिवाजों और संस्कृति की गहराई को भारत सहित विभिन्न देशों में अत्यधिक प्रसारित किया है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रमुख समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी, यह उत्सव देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित होगा। राष्ट्रपति तेईस साल में पहली बार उत्तराखंड के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
उत्तराखंड स्थापना दिवस
- 9 नवंबर को उत्तराखंड का 23वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।
- 2000 में इसी दिन उत्तर प्रदेश के विभाजन के साथ ही नये राज्य उत्तराखंड का निर्माण हुआ था।
- उत्तराखंड को "देवताओं की भूमि" या "देवभूमि" के नाम से भी जाना जाता है।
- स्थापना के समय इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था।
- उत्तर भारत मे स्थित यह राज्य भारतीय तीर्थ स्थलों का एक अद्वितीय केंद्र है।
उत्तराखंड के गठन का इतिहास
- 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारत का 27वां राज्य बना।
- स्थापना के समय इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और हरियाणा भारतीय राज्यों सहित तिब्बत, और नेपाल की सीमा भी उत्तराखंड से लगती है।
- संस्कृत भाषा में उत्तराखंड शब्द का अर्थ "उत्तरी शहर" होता है।
- 2007 में औपचारिक रूप से इसका नाम बदलकर उत्तरांचल से उत्तराखंड कर दिया गया।
- उत्तराखंड चार सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों का घर है, जिन्हें चार-धाम के रूप में जाना जाता है: बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री।
- राज्य की राजधानी देहरादून है, जबकि उच्च न्यायालय नैनीताल में स्थित है।
उत्तराखंड की जलवायु
- उत्तराखंड की जलवायु मध्यम है, तापमान में मौसमी उतार-चढ़ाव होता रहता है।
- इसके मानसून पर उष्णकटिबंधीय मानसून का भी प्रभाव पड़ता है। उत्तराखंड में जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है जबकि जुलाई सबसे गर्म महीना होता है।
- मई, दक्षिण-पूर्व में सबसे गर्म महीना है। बरसात के मौसम के दौरान निचली घाटियों में भूस्खलन और बाढ़ मुख्य चिंता का विषय होता हैं।
- राज्य के उत्तरी क्षेत्रों में प्रायः दिसम्बर से मार्च तक बर्फबारी होती है।
उत्तराखंड की जनसंख्या
- राज्य में विभिन्न जातियां निवास करती हैं। जो कि कुमाऊं भू-सांस्कृतिक क्षेत्रों में विस्तृत हैं।
- राजपूत, गढ़वाली, गुज्जर और कुमाउनी लोग उत्तराखंड की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं।
- उत्तराखंड की अधिकांश आबादी इंडो-आर्यन भाषाएँ बोलती है।
- राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी है। लेकिन नेपाली, गढ़वाली, कुमाउनी और पंजाबी कुछ अन्य भाषाएँ भी यहाँ बोली जाती हैं।
उत्तराखंड का पारंपरिक भोजन
- उत्तराखंड के व्यंजनों को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है: कुमाऊंनी व्यंजन और गढ़वाली व्यंजन, जिनका नाम राज्य के दो क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है।
- इस राज्य के अधिकांश व्यंजन, स्थानीय उत्पादों का उपयोग करके बनाए जाते हैं और बस कुछ आसान प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है। उत्तराखंड के कुछ सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में शामिल हैं:
- अरसा चावल और गुड़ से बनी मिठाई है। त्योहारों, शादियों और डिलीवरी जैसे शुभ अवसरों पर इसे चढ़ाया जाता है।
- चेनसू के उत्पादन में उड़द दाल को पीसना और भूनना शामिल है।
- कंडाली का साग एक ऐसा भोजन है जो सूप जैसा दिखता है और बिछुआ, जिसे कंडाली भी कहा जाता है, से तैयार किया जाता है।
- गहत के पराठे: इसे कुलथी चना भी कहा जाता है, गहत एक प्रकार की हाइपरलोकल दाल है जिसका उपयोग पराठे में भरने के लिए किया जाता है।
उत्तराखंड के त्यौहार
- उत्तराखंड में दशहरा, दिवाली, शिवरात्रि, होली आदि त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं।
- मुस्लिम समुदाय ईद-उल-फितर, मुहर्रम, रमज़ान और ईद-अल-अजहा मनाते हैं, जो हज के अंत का प्रतीक है और चंद्र कैलेंडर के अनुसार विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
- बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिये बुद्ध पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
- महावीर के जन्मदिन को मनाने के लिए, जैन लोग महावीर जयंती मनाते हैं।
- सिख समुदाय के लोग गुरु नानक जयंती मनाते है।
- राज्य में ईसाई लोग क्रिसमस का उत्सव भी मनाते हैं।