Please enable javascript.माओवादी मुर्दाबाद, आमा सरकार जिंदाबाद... ओडिशा में नारा लगाते हुए 650 समर्थकों ने किया सरेंडर - 650 maoist supporters surrender in odisha - Navbharat Times

माओवादी मुर्दाबाद, आमा सरकार जिंदाबाद... ओडिशा में नारा लगाते हुए 650 समर्थकों ने किया सरेंडर

Edited byराघवेंद्र सिंह | भाषा 6 Nov 2022, 2:09 pm

ओडिशा में बीते शनिवार को 650 माओवादी सपोर्टरों ने सरेंडर कर दिया है। पुलिस के मुताबिक इन लोगों में से ज्यादातर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के दूरदराज के गांवों से हैं। इस दौरान सरेंडर करने वाले लोगों ने पुलिस के सामने माओवाद मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

650 maoist supporters surrender in assam
650 माओवादी समर्थकों ने किया सरेंडर (सांकेतिक तस्वीर)
भुवनेश्वर: ओडिशामें 650 माओवादी समर्थकों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। ये लोग ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सीमा पर स्थित गांवों के रहने वाले हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवाद समर्थकों में से ज्यादातर मलकानगिरी जिले के स्वाभिमान अंचल की स्थानीय ग्राम समितियों या चेतना नाट्य मंडली के सदस्य हैं। यह इलाका एक वक्त मुख्य भूमि ओडिशा से कटा हुआ लाल गलियारा माना जाता था। चेतना नाट्य मंडली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ा एक सांस्कृतिक संगठन है।

दक्षिण-पश्चिमी रेंज के डीआईजी राजेश पंडित ने कहा, ‘‘आत्मसमर्पण करने वाले माओवाद समर्थक ओडिशा और आंध्र प्रदेश के दूरदराज के गांवों से हैं। समर्थक अन्य हिंसक गतिविधियों के अलावा सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले करने में प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं की मदद करते थे।’’

आत्मसमर्पण करने से पहले माओवाद समर्थकों ने बीते शनिवार को ‘‘माओवादी मुर्दाबाद, आमा सरकार जिंदाबाद’’ जैसे नारे भी लगाए। इसके साथ ही माओवादी साहित्य, पुतले और प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं के जरिए मिली पहनी जाने वाली वर्दी को भी जला दिया।

जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नितेश वाधवानी ने कहा कि स्वाभिमान अंचल जिसमें कि 182 गांव शामिल हैं। क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत के साथ ‘‘त्वरित बदलाव’’ का अनुभव कर रहा है। साथ ही कहा कि ‘‘मुख्य भूमि ओडिशा के साथ क्षेत्र को जोड़ने वाले गुरुप्रिया पुल के निर्माण ने मलकानगिरि के इन गांवों में विकास से जुड़े बदलाव लाने में मदद की है। लोगों के पास अब बिजली, पीने का पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन गांवों में चिकित्सा सुविधाएं और मोबाइल नेटवर्क भी उपलब्ध हैं। एसपी ने कहा, ‘‘कई स्थानीय लोगों ने अब अपनी आजीविका के लिए मछली पालन को अपनाया है।’’ इससे पहले साल की शुरुआत में भी स्वाभिमान अंचल में सैकड़ों माओवादी समर्थकों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। एसपी ने कहा, ‘‘कई और माओवाद समर्थक निकट भविष्य में ‘घर वापसी’ पर विचार कर रहे हैं।’’
राघवेंद्र सिंह
लेखक के बारे में
राघवेंद्र सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर प्रोड्यूसर। पत्रकारिता में दैनिक आज, इंडिया न्यूज और ईटीवी जैसी संस्थाओं में काम करने के बाद टाइम्स इंटरनेट तक 10 साल का सफर जो कानपुर से शुरू होकर दिल्ली और हैदराबाद होते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक पहुंचा है। हर रोज कुछ न कुछ नया सीखने और करने की हसरत... बस यहीं तक।... और पढ़ें
कॉमेंट लिखें

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर