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पश्‍च‍िम बंगाल के 24 हजार टीचर्स का क्‍या होगा? सुप्रीम कोर्ट से नहीं म‍िली ममता सरकार को राहत, हालांक‍ि...
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हिंदी समाचार / न्यूज / राष्ट्र / पश्‍च‍िम बंगाल के 24 हजार टीचर्स का क्‍या होगा? सुप्रीम कोर्ट से नहीं म‍िली ममता सरकार को राहत, हालांक‍ि...

पश्‍च‍िम बंगाल के 24 हजार टीचर्स का क्‍या होगा? सुप्रीम कोर्ट से नहीं म‍िली ममता सरकार को राहत, हालांक‍ि...

पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं म‍िली है.
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं म‍िली है.

West Bengal News:सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में की गई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लगभग 24000 नियुक्तियों को रद्द करन ...अधिक पढ़ें

नई द‍िल्‍ली. पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं म‍िली है. 2016 में की गई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लगभग 24000 नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है. हालांकि अदालत ने मामले में आगे सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है. कोर्ट अब अगले सोमवार को मामले की सुनवाई करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर छह मई को सुनवाई करेगी.

पीठ ने कहा क‍ि हम उस निर्देश पर रोक लगाएंगे जिसमें कहा गया है कि सीबीआई राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अवैध नियुक्तियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त पद के सृजन को मंजूरी देने में शामिल राज्य सरकार के अधिकारियों की भूमिका के संबंध में आगे की जांच करेगी.

हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि आवश्यक हुआ तो सीबीआई इसमें शामिल ऐसे लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी. आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर अपनी अपील में कहा कि उच्च न्यायालय ने नियुक्तियों को ‘मनमाने ढंग से’ रद्द कर दिया.

आपको बता दें क‍ि 2016 में की गई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लगभग 24000 नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने भर्ती को अवैध ठहराते हुए 24000 उम्मीदवारों को ‘अवैध’ भर्ती के बाद प्राप्त वेतन वापस करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट ने मौखिक दलीलों के आधार पर और रिकॉर्ड पर किसी भी हलफनामे के अभाव में मनमाने ढंग से नियुक्तियां रद्द कर दी हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. बंगाल सरकार ने कहा है कि इस फैसले से स्कूलों में एक बड़ा शून्य पैदा हो जाएगा.

Tags: Mamta Banarjee, Supreme Court