गढ़चिरौली मुठभेड़ की तस्वीर और टॉप माओवादी मिलिंद तेलतुंबडे (FILE)
महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों ने 14 नवंबर को पुष्टि की कि 13 नवंबर को राज्य के गढ़चिरौली जिले में एक मुठभेड़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के 26 सदस्यों को मार गरिया, जिसमें मोस्ट वांटेड टॉप माओवादी मिलिंद बाबूराव तेलतुंबडे (Milind Teltumbde) भी शामिल है। मिलिंद तेलतुम्बडे, जिसे 'जीवा' और 'दीपक' के नाम से भी जाना जाता था, वो CPI (माओवादी) की संट्रेल कमेटी का सदस्य और नवगठित महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ कॉन्फ्लुएंस (MMC) जोन का नक्सली था। तेलतुंबडे एल्गार परिषद-माओवादी मामले में भी आरोपी था।
यवतमाल जिले के वानी तालुक के राजूर गांव के रहने वाले तेलतुंबडे के सिर पर 50 लाख रुपए का इनाम रखा था और कहा जाता है कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के गढ़चिरौली, गोंदिया और राजनांदगांव जिलों में अवैध आंदोलन के विकास में उसने अहम भूमिका निभाई थी।
पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह गढ़चिरौली के कोर्ची के मर्दिनटोला वन क्षेत्र में पुलिस के सी-60 कमांडो दल ने तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई।
इसके अलावा माओवादियों की कंपनी संख्या 4 के कमांडर लोकेश उर्फ मांगू पोडयम पर 20 लाख रुपए का इनाम घोषित था। कासनासुर दलम की डिविजनल कमेटी के सदस्य महेश उर्फ शिवाजी रावजी गोटा पर 16 लाख रुपए का इनाम था। कोरची दलम के कमांडर किशन उर्फ जैमन और कासनासुर दलम के कमांडर सन्नू उर्फ कोवाची पर आठ-आठ लाख रुपए का इनाम था।
तेलतुंबडे का बॉडीगार्ड भगत सिंह उर्फ प्रदीप उर्फ तिलक जेड पर छह लाख रुपए, जबकि प्रकाश उर्फ साधू बोगा, नक्सली प्रभाकर के बॉडीगार्ड लच्छू, नवलूराम उर्फ दिलीप तुलावी, बंदु उर्फ दलसु गोटा, कोसा उर्फ मुसाखि और प्रमोद उर्फ दलपत कचलामी पर चार-चार लाख रुपए का इनाम था।
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा टीपागढ़ दलम में नए भर्ती हुए चेतन पडा पर दो लाख रुपए का इनाम था। मारी गई महिला नक्सलियों में से विमला उर्फ मनसो बोगा मिलिंद तेलतुंबडे की बॉडीगार्ड थी और उस पर चार लाख रुपए का इनाम घोषित था।
वहीं गोलीबारी में तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं। गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा कि उन्हें हेलीकॉप्टर से नागपुर ले जाया गया और स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
AK-47 सहित कई हथियार बरामद
पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्होंने पांच AK-47, UBGL के साथ एक एके या बैरल ग्रेनेड लांचर, नौ SLR (सेल्फ-लोडिंग राइफल), एक INSAS (इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम) राइफल, तीन .303 राइफल और कई छोटे हथियारों के बीच कई हथियार बरामद किए हैं।
मिलिंद तेलतुम्बडे को 2018 एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले (Elgaar Parishad-Bhima Koregaon case) में भी एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था, जिसमें उनके बड़े भाई आनंद तेलतुम्बडे, एक प्रसिद्ध अकादमिक और लेखक, वर्तमान में मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं और मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पिछले साल अक्टूबर में एल्गार परिषद मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि मिलिंद तेलतुंबडे जाहिर तौर पर अपने बड़े भाई से माओवादी रैंक में शामिल होने के लिए प्रेरित हुआ था।
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